आपके इष्ट देव कौन हैं ?
===============
शास्त्रों की मान्यतानुसार अपने इष्ट देव की आराधना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आपके आराघ्य इष्ट देव कौन से होंगे इसे आप अपनी जन्म तारीख, जन्मदिन, बोलते नाम की राशि या अपनी जन्म कुंडली की लग्न राशि के अनुसार जान सकते हैं।
जन्म माह :-- जिन्हें केवल जन्म का माह ज्ञात है, उनके लिए इष्ट देव इस प्रकार होंगे👇
▪️ जिनका जन्म जनवरी या नवंबर माह में हुआ हो वे शिव या गणेश की पूजा करें।
▪️ फरवरी में जन्मे शिव की उपासना करें।
▪️ मार्च व दिसंबर में जन्मे व्यक्ति विष्णु की साधना करें।
▪️ अप्रेल, सितंबर, अक्टूबर में जन्मे व्यक्ति गणेशजी की पूजा करें।
▪️ मई व जून माह में जन्मे व्यक्ति मां भगवती की पूजा करें।
▪️जुलाई माह में जन्मे व्यक्ति विष्णु व गणेश का घ्यान करें।
जन्म वार से :-- जिनको वार का पता हो, परंतु समय का पता न हो, तो वार के अनुसार इष्ट देव इस प्रकार होंगे👇
रविवार --- विष्णु।
सोमवार --- शिवजी।
मंगलवार --- हनुमानजी
बुधवार --- गणेशजी।
गुरूवार --- शिवजी
शुक्रवार --- देवी।
शनिवार --- भैरवजी।
राशि के आधार पर :-- पंचम स्थान में स्थित राशि के आधार पर आपके इष्ट देव इस प्रकार होंगे।
मेष :-- सूर्य या विष्णुजी की आराधना करें।
वृष:-- गणेश जी।
मिथुन:-- सरस्वती, तारा, लक्ष्मी।
कर्क:-- हनुमानजी।
सिंह:-- शिवजी।
कन्या:-- भैरव, हनुमानजी, काली।
तुला:-- भैरव, हनुमानजी, काली।
वृश्चिक:-- शिवजी।
धनु:-- हनुमानजी।
मकर:-- सरस्वती, तारा, लक्ष्मी।
कुंभ:-- गणेशजी।
मीन:-- दुर्गा, राधा, सीता या कोई देवी।
जन्म कुंडली से :-- जिनको जन्म समय ज्ञात हो उनके लिए जन्म कुंडली के पंचम स्थान से पूर्व जन्म के संचित कर्म, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, धर्म व इष्ट का बोध होता है। अरूण संहिता के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर ग्रह या देवता भाव विशेष में स्थित होकर अपना शुभाशुभ फल देते हैं।
ग्रह के आधार पर इष्ट :-- पंचम स्थान में स्थित ग्रहों या ग्रह की दृष्टि के आधार पर आपके इष्ट देव।
सूर्य:-- विष्णु।
चंद्रमा:-- राधा, पार्वती, शिव, दुर्गा।
मंगल:-- हनुमानजी, कार्तिकेय।
बुध:-- गणेश, विष्णु।
गुरू:-- शिव।
शुक्र:-- लक्ष्मी, तारा,
सरस्वती।
शनि:-- भैरव, काली।
0 टिप्पणियाँ