सर्वपितृ श्राद्ध (अमावश्या तिथि) बुधवार 2 अक्टूबर 2024
बुधवार, 2 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अंतिम तिथि है, इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए हमारे यहां इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पितृ विसर्जन अमावश्या के नाम से जाना जाता है। पितृ विसर्जन अमावस्या दो अक्टूबर को होगा। वैसे तो प्रत्येक मास की अमावश्या तिथि पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है.पूर्वजो की तिथि ज्ञात होने पर भी यदि समय पर किसी कारण से श्राद्ध न हो पाए तो अमावस्या के दिन श्राद्ध की जाती है।
हिन्दू पुराणों में उल्लेख है की जो व्यक्ति अपने पितरों का श्रद्धा भाव से श्राद्ध या तर्पण करता है उसे पितृ अपनी संतानों के प्रति कल्याण की कामना एवम आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
आज के दिन सभी हिन्दू परिवारों को अपने पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण अवश्य करना चाहिए,पूरे पितृ पक्ष में पितरों को याद न किया गया हो तो अमावस्या को उन्हें याद करके दान करने और गरीबों को भोजन कराने से पितरों को शांति मिलती है. इसदिन सभी पितर अपने परिजनों के घर के द्वार पर बैठे रहते हैं।जो व्यक्ति इन्हें अन्न जल प्रदान करता है उससे प्रसन्न होकर पितर खुशी-खुशी आशीर्वाद देकर अपने लोक लौट जाते हैं।
अमावश्या के दिन प्रात: स्नान करने के बाद अपने पितरों को जल से तर्पण दें. इसके लिए अपने दाहिने हाथ में कुशा की पवित्री पहनें. फिर जल, काले तिल, सफेद फूल और चावल ,जौ से तर्पण दें. अपनी तीन पीढ़ियों के लिए तर्पण दे सकते हैं, जिसमें आपके पिता, दादा और परदादा शामिल हों. इसके अलावा ज्ञात और अज्ञात पितरों के लिए भी तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं.
ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्व गाय, कुत्ता और कौआ को भोजन का एक अंश अवश्य निकाले .
स्नान के बाद नदी किनारे या अपने घर के आसपास ही धन, अनाज, जूते-चप्पल, कपड़े, भोजन का दान करें। किसी गौशाला में गायों के लिए घास और धन का दान करें। इस दिन पितरों के निमित्त चारपाई यानी पलंग, छाता, घी, दूध, काले तिल, चावल, गेहूं आदि चीजों का भी दान करना चाहिए।
2 अक्टूबर के सूर्य ग्रहण का नहीं रहेगा सूतक
पितृ पक्ष की अमावस्या की रात 9.13 बजे सूर्य ग्रहण शुरू होगा और रात 3.17 बजे खत्म होगा। ग्रहण, अर्जेंटिना, अमेरिका, ब्राजिल, मेक्सिको, न्यूजीलेंड, पेरू, सहित कई देशों में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण के समय रात रहेगी, यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस वजह से देश में ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। पूरे दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य आदि शुभ काम किए जा सकेंगे। पितरों के धूप-ध्यान दोपहर में करीब 12 बजे करें।
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