जानिए महादेव शिव के 1008 नाम और उनके अर्थ
क्र्मांक 1008 नाम अर्थ
सभी नाम का जाप करते समय अंत में नमः शब्द अवश्य लगाए
1 शिव कल्याणस्वरूप.
2 हर भक्तों के पाप ताप हरने वाले.
3 मृङ सुखदाता.
4 रुद्र दुःख दूर करने वाले.
5 पुष्कर आकाशस्वरूप.
6 पुष्पलोचन पुष्प के समान खिले हुए नेत्र वाले.
7 अर्थिगम्य प्रार्थियों को प्राप्त होने वाले.
8 सदाचार श्रेष्ठ आचारण वाले.
9 शर्व संहारकारी.
10 शम्भु कल्याण निकेतन.
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कैलाशनाथ शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
51 धूर्जटि जटा के भार से युक्त.
52 कालकाल काल के भी काल(समय से परे या बलवान).
53 कृत्तिवासी गजासुर के चर्म को वस्त्र के रूप में धारण करने वाले.
54 सुभग सौभाग्यशाली.
55 प्रणवात्मक ओंकार स्वरूप अथवा प्रणव के वाच्यार्थ.
56 उन्नध बन्धनरहित.
57 पुरुष अन्तर्यामी आत्मा.
58 जुष्य सेवन करने योग्य.
59 दुर्वासा दुर्वासा नामक मुनि के रूप में अवतीर्ण.
60 पुरशासन तीन मायामय असुरपुरों का दमन करने वाले.
61 दिव्यायुध पाशुपत आदि दिव्यास्त्र धारण करने वाले.
62 स्कन्दगुरु कार्तिकेयजी के गुरु.
63 परमेष्ठी अपनी प्रकृष्ट महिमा में स्थित रहने वाले.
64 परात्पर कारण के भी कारण.
65 अनादिमध्यनिधन आदि, मध्य और अन्त से रहित.
66 गिरिश कैलास के अधिपति.
67 गिरिजाधव पार्वती के पति.
68 कुबेरबन्धु कुबेर को अपना भाई मान वाले.
69 श्रीकण्ठ श्यामसुषमा से सुशोभित कण्ठवाले.
70 लोकवर्णोत्तम समस्त लोकों और वर्णों से श्रेष्ठ.
71 मुदु कोमल स्वभाव वाले.
72 समाधिवेद्य समाधि अथवा चित्तवृत्तियों के निरोध से अनुभव में आने योग्य.
73 कोदण्डी धनुर्धर.
74 नीलकण्ठ कण्ठ में हालाहल विष का नील चिहन धारण करने वाले.
75 परश्वधी परशुधारी.
76 विशालाक्ष बड़े-बड़े नेत्रों वाले.
77 मृगव्याध वन में व्याप या किरात के रूप में प्रकट हो शूकर के ऊपर बाण चलाने वाले.
78 सुरेश देवताओं के स्वामी.
79 सूर्यतापन सूर्य को भी दण्ड देने वाले.
80 धर्मधाम धर्म के आश्रय.
81 क्षमाक्षेत्रम् क्षमा के उत्पत्ति स्थान.
82 भगवान् सम्पूर्ण ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान तथा वैराग्य के आश्रय.
83 भगनेत्रभित् भगदेवता के नेत्र का भेदन करने वाले.
84 उग्र संहारकाल में भयंकर रूप धारण करने वाले.
85 पशुपति मायारूप में बंधे हुए पाशबद्ध पशुओं (जीवों) को तत्वज्ञान के द्वारा मुक्त करके यथार्थरूप से उनका करने पालन वाले.
86 तार्क्ष्य गरुड़रूप.
87 प्रियभक्त भक्तों से प्रेम करने वाले.
88 परंतप शत्रुता रखने वालों को संताप देने वाले.
89 दाता दानी.
90 दयाकर भक्तोंपर कृपा करने वाले.
91 दक्ष कुशल.
92 कपर्दी जटाजूटधारी.
93 कामशासन कामदेव का दमन करने वाले.
94 श्मशाननिलय श्मशानवासी.
95 सूक्ष्म इन्द्रियातीत और सर्वव्यापी.
96 श्मशानस्थ श्मशानभूमि में विश्राम करने वाले.
97 महेश्वर सबसे महान् ईश्वर.
98 लोककर्ता विश्व जगत की सृष्टि करने वाले.
99 मृगपति मृग के पालक.
100 महाकर्ता विराट् ब्रह्माण्ड की सृष्टि करने के समय महान कर्तृत्व से सम्पन्न.
उमापति शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
101 महौषधि भवरोग का निवारण करने वाले महान् औषधिरूप.
102 उत्तर संसार सागर से पार उतारने वाले.
103 गोपति स्वर्ग, पृथ्वी, पशु, वाणी, किरण, इन्द्रिय और जल के स्वामी.
104 गोप्ता रक्षक.
105 ज्ञानगम्य तत्त्वज्ञान ज्ञानस्वरूप से ही जानने योग्य.
106 पुरातन सबसे पुराने भगवान.
107 नीति न्यायस्वरूप.
108 सुनीति उत्तम नीतिवाले भगवान.
109 शुद्धात्मा विशुद्ध आत्मस्वरूप.
110 सोम उमासहित.
111 सोमरत चन्द्रमा
पर प्रेम रखने वाले.
112 सुखी आत्मानन्द से परिपूर्ण.
113 सोमप सोमपान करने वाले अथवा सोमनाथरूप से चन्द्रमा के पालक.
114 अमृतप समाधि के द्वारा स्वरूपभूत अमृत का आस्वादन करने वाले.
115 सौम्य भक्तों के लिये सौम्यरूपधारी.
116 महातेजा महान तेज से सम्पन्न.
117 महाद्युति परमकान्तिमान.
118 तेजोमय प्रकाशस्वरूप.
119 अमृतमय अमृत के स्वरूप.
120 अन्नमय अन्नरूप.
121 सुधापति अमृत के पालक.
122 अजातशत्रु जिनके मन में कभी किसी के प्रति शत्रुताभा पैदा नहीं होती.
123 आलोक प्रकाशस्वरूप.
124 सम्भाव्य सम्मानीय.
125 हव्यवाहन अग्निस्वरूप.
126 लोककर जगत के स्रष्टा.
127 वेदकर वेदों को प्रकट करने वाले वेदों को अस्तित्व देने वाले.
128 सूत्रकार ढक्कानाद के रूप में चतुर्दश माहेश्वर सूत्रों के प्रणेता.
129 सनातन नित्यस्वरूप.
130 महर्षिकपिलाचार्य सांख्याशास्त्र के प्रणेता भगवान् कपिलाचार्य.
131 विश्वदीप्ति अपनी प्रभा से सबको प्रकाशित करने वाले.
132 त्रिलोचन तीनों लोकों के द्रष्टा.
133 पिनाकपाणि हाथ में पिनाक नामक धनुष धारण करने वाले.
134 भूदेव पृथ्वी के देवता ब्राह्मण अथवा पार्थिवलिंगरूप.
135 स्वस्तिद कल्याणदाता.
136 स्वस्तिकृत् कल्याणकारी.
137 सुधी विशुद्ध बुद्धि वाले.
138 धातृधामा विश्व को धारण पोषण करने में समर्थ तेज वाले.
139 धामकर तेज की सृष्टि करने वाले.
140 सर्वग सर्वव्यापी.
141 सर्वगोचर सब में व्याप्त.
142 ब्रह्मसृक् ब्रह्माजी के उत्पादक.
143 विश्वसृक् जगत् के स्रष्टा.
144 सर्ग सृष्टिस्वरूप.
145 कर्णिकारप्रिय कनेर के फूल को पसंद करने वाले.
146 कवि त्रिकालदर्शी, तीनो काल का ज्ञान रखनेवाले.
147 शाख कार्तिकेय के छोटे भाई शाखस्वरूप.
148 विशाख स्कन्द के छोटे भाई विशाखस्वरूप अथवा विशाख नामक ऋषि.
149 गोशाख वेदवाणी की शाखाओं का विस्तार करने वाले.
150 शिव मंगलमय.
महाकाल शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
151 भिषगनुत्तम भवरोग का निवारण करने वाले वेदों (ज्ञानियों) में सर्वश्रेष्ठ.
152 गंगाप्लवोदक गंगा के प्रवाहरूप जल को सिर पर धारण करने वाले.
153 भव्य कल्याणस्वरूप.
154 पुष्कल पूर्णतम अथवा व्यापक.
155 स्थपति ब्रह्माण्डरूपी भवन के निर्माता.
156 स्थिर अचंचल अथवा स्थाणुरूप.
157 विजितात्मा मन को वश में रखने वाले.
158 विधेयात्मा शरीर, मन और इन्द्रियों से अपनी इच्छा के अनुसार काम लेने वाले.
159 भूतवाहनसारथि पांचभौतिक रथ (शरीर) का संचालन करने वाले बुद्धिरूप सारथि.
160 सगण प्रथमगानों के साथ रहनेवाले.
161 गणकाय गणस्वरूप.
162 सुकीर्ति उत्तम कीर्तिवाले.
163 छिन्नसंशय संशयों को काट देने वाले.
164 कामदेव मनुष्यों द्वारा अभिलिषत समस्त कामनाओं के अधिष्ठाता परमदेव.
165 कामपाल सकाम भक्तों की कामनाओं को पूर्ण करने वाले.
166 भस्मोद्धूलितविग्रह अपने श्रीअंगों में भस्म रमाने वाले.
167 भस्मप्रिय भस्म के प्रेमी.
168 भस्मशायी भस्म पर शयन करने वाले.
169 कामी अपने प्रिय भक्तों को चाहने वाले.
170 कान्त परम कमनीय प्राणवल्लभरूप.
171 कृतागम समस्त तंत्रशास्त्रों के रचियता.
172 समावर्त संसारचक्र को भली भांति घुमाने वाले.
173 अनिवृत्तात्मा सर्वत्र विद्यमान होने के कारण जिनकी आत्मा कहीं से भी हटी नहीं है.
174 धर्मपुंज धर्म या पुण्य की राशि.
175 सदाशिव निरंतर कल्याणकारी.
176 अकल्मष पापरहित.
177 चतुर्बाहु चार भुजाधारी.
178 दुरावास जिन्हें योगीजन भी बड़ी कठिनाई से अपने हृदयमन्दिर में बसा पाते हैं.
179 दुरासद परम दुर्जय.
180 दुर्लभ भक्तिहीन पुरुषों को कठिनता से प्राप्त होने वाले.
181 दुर्गम जिनके निकट पहुंचना किसी के लिये भी कठिन है.
182 दुर्ग पाप-ताप से रक्षा करने के लिये दुर्गरूप अग्रवा दुर्ज्ञेय.
183 सर्वायुधविशारद सम्पूर्ण अस्त्रों के प्रयोग की कला में कुशल.
184 अध्यात्म-योगनिलय अध्यात्मयोग में स्थित.
185 सुतन्तु सुन्दर विस्तृत जगतरूप तंतु वाले.
186 तंतुवर्धन जगत्-रूप तंतु को बढ़ाने वाले.
187 शुभांग सुन्दर अंगों वाले.
188 लोकसारंग लोकसारग्राही.
189 जगदीश जगत के स्वामी.
190 जनार्दन भक्तजनों की याचना के आलम्बन.
191 भस्मशुद्धिकर भस्म के शुद्धि का सम्पादन करने वाले.
192 मेरु सुमेरु पर्वत के समान केन्द्ररूप.
193 ओजस्वी तेज और बल से सम्पन्न.
194 शुद्धविग्रह निर्मल शरीर वाले.
195 असाध्य साधन-भजन से दूर रहने वाले लोगों के लिये अलभ्य.
196 साधुसाध्य साधन भजन परायण सत्पुरुषों के लिये साध्य.
197 भृत्यमर्कटरूपधृक् श्रीराम के सेवक वानर हनुमान् का रूप का धारण करने वाले.
198 हिरण्यरेता अग्निस्वरूप अथवा सुवर्णमय वीर्यवाले.
199 पौराण पुराणों द्वारा प्रतिपादित.
200 रिपुजीवहर शत्रुओं के प्राण हर लेने वाले.
महा औगरदानी शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
201 बली बलशाली.
202 महाहद परमानन्द के महान् सरोवर.
203 सिद्धवृन्दावन्दित सिद्धों और देवताओं द्वारा वन्दित.
204 महागर्त महान आकाशरूप.
205 व्याघ्रचर्माम्बर व्याघ्रचर्म को वस्त्र के समान धारण करने वाले.
206 व्याली सपों को आभूषण की भांति धारण करने वाले.
207 महाभूत त्रिकाल में भी कभी नष्ट न होने वाले महाभूतस्वरूप.
208 महानिधि सब के महान निवासस्थान.
209 अमृताश जिनकी आशा कभी विफल न हो ऐसे अमोघसंकल्प.
210 अमृतवपु जिनका कलेवर कभी नष्ट न हो ऐसे नित्यविग्रह.
211 पांचजन्य पांचजन्य नामक शंख स्वरूप.
212 प्रभंजन वायुस्वरुप अथवा संहारकारी.
213 पंचविंशतितत्त्वस्य प्रकृति, महत्तत्त्व (बुद्धि), अहंकार,चक्षु,श्रोत्र, घ्राण,रसना,त्वक,वाक, पाणि, पायु,पाद,उपस्थ,मन,शब्द,स्पर्श,रूप,रस,गंध, , पृथ्वी, जल, तेज, वायु और
आकाश इन चौबीस जड़ तत्त्वों सहित पचीसर्वे चेतनतत्त्वपुरुष में व्याप्त.
214 पारिजात याचकों की इच्छा पूर्ण करने में कल्पवृक्षरूप.
215 परावर कारण-कार्यरूप.
216 सुलभ नित्य निरन्तर चिंतन करने वाले एकनिष्ठ श्रद्धालु भक्त को सुगमता से प्राप्त होने वाले.
217 सुव्रत उत्तमव्रतधारी.
218 शूर शौर्यसम्पन्न.
219 ब्रह्मवेदनिधि ब्रहमा और वेद के प्रादुर्भाव के स्थान.
220 निधि जगतरूपी रत्न के उत्पत्तिस्थान.
221 वर्णाश्रमगुरु वर्णों और आश्रमों के गुरु.
222 वर्णी ब्रह्मचारी.
223 शत्रुजित् अंधकासुर आदि शत्रुओं को जीतने वाले.
224 शत्रुतापन शत्रुओं को संताप देने वाले.
225 आश्रम सबके विश्रामस्थान.
226 क्षपण जन्म-मरण के कष्ट का मूलोच्छेद करने वाले.
227 क्षाम प्रलयकाल में प्रजा को क्षीण करने वाले.
228 ज्ञानवान् महा ज्ञानी.
229 अचलेश्वर पर्वतों अथवा स्थावर पदार्थों के स्वामी.
230 प्रमाणभूत नित्यसिद्ध प्रमाणरूप.
231 दुर्ज्ञेय कठिनता से जानने योग्य.
232 सुपर्ण वेदमय सुन्दर पंखवाले गरुड़रूप.
233 वायुवाहन अपने भय से वायु को प्रवाहित करने वाले.
234 धनुर्धर पिनाकधारी.
235 धनुर्वेद धनुर्वेद( यजुर्वेद का एक उपवेद) के ज्ञाता.
236 गुणराशि अनन्त कल्याणमय गुणों की राशि.
237 गुणाकर सद्गुण स्वरूप.
238 सत्य सत्यस्वरूप.
239 सत्यपर सत्यपरायण.
240 अदीन दीनता से रहित उदार.
241 धर्मांग धर्ममय विग्रह वाले.
242 धर्मसाधन धर्म का अनुष्ठान करने वालें.
243 अनन्तदृष्टि असीमित दृष्टि वाले.
244 आनन्द परमानन्दमय.
245 दण्ड दुष्टों को दण्ड देने वाले अथवा दण्डस्वरूप.
246 दमयिता दुर्दन्ति दानवों का दमन करने वाले.
247 दम दमनस्वरूप.
248 अभिवाद्य प्रणाम करने योग्य.
249 महामाय मायावियों को भी मोहने वाले महामायावी.
250 विश्वकर्मविशारद संसार की सृष्टि करने में कुशल.
पंचमहाभूत नियंत्रक शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
251 वीतराग पूर्णतया विरक्त.
252 विनीतात्मा मन से विनयशील अथवा मन को वश में रखनेवाले.
253 तपस्वी तपस्यापरायण.
254 भूतभावन सम्पूर्ण भूतों के उत्पादक एवं रक्षक.
255 उन्मत्तवेष पागलों के समान वेष धारण करने वाले.
256 प्रच्छन्न माया के पर्दे में छिपे हुए.
257 जितकाम कामविजयी.
258 अजितप्रिय भगवान् विष्णु के प्रेमी.
259 कल्याणप्रकृति कल्याणकारी स्वभाव वाले.
260 कल्प समर्थ.
261 सर्वलोकप्रजापति सम्पूर्ण लोकों की प्रजा के पालक.
262 तरस्वी वेगशाली.
263 तारक उद्धारक.
264 धीमान् विशुद्ध बुद्धि से युक्त.
265 प्रधान सबसे श्रेष्ठ.
266 प्रभु सर्वसमर्थ.
267 अव्यय अविनाशी.
268 लोकपाल समस्त लोकों की रक्षा करने वाले.
269 अन्तर्हितात्मा अन्तर्यामी आत्मा अथवा अदृश्य स्वरूप वाले.
270 कल्पादि कल्प के आदि कारण.
271 कमलेक्षण कमल के समान नेत्रवाले.
272 वेदशास्त्रार्यतत्त्वज्ञ वेदों और शास्त्रों के अर्थ एवं तत्व को जानने वाले.
273 अनियम नियंत्रणरहित.
274 नियताश्रय सबके सुनिश्चित आश्रयस्थान.
275 चन्द्र चन्द्रमारूप से आहह्लादकारी.
276 सूर्य सबकी उत्पत्ति के हेतुभूत सूर्य.
277 शनि शनिस्वरूप.
278 केतु केतुस्वरूप.
279 वरांग सुंदर शरीर वाले.
280 विद्रुमच्छवि मूंगे की सी लाल कान्ति वाले.
281 भक्तिवश्य भक्ति के द्वारा भक्त के होने वाले.
282 परब्रह्म परमात्मा.
283 मृगबाणार्पण मृगरूपधारी यज्ञ पर बाण चलाने वाले.
284 अनघ पापरहित.
285 अद्रि कैलास आदि पर्वतस्वरूप.
286 अद्रयालय कैलास और मन्दर आदि पर्वतों पर निवास करने वाले.
287 कान्त सबके प्रियतम्.
288 परमात्मा परब्रह्म परमेश्वर.
289 जगद्गुरु समस्त संसार के गुरु.
290 सर्वकर्मालय सम्पूर्ण कर्मों के आश्रयस्थान.
291 तुष्ट सदा प्रसन्न.
292 मंगल्य मंगलकारी.
293 मंगलावृत मंगलकारिणी शक्ति से संयुक्त.
294 महातपा महान् तपस्वी.
295 दीर्घतपा दीर्घकाल तक तप करने वाले.
296 स्थविष्ठ अत्यन्त स्थूल.
297 स्थविरो ध्रुव अति प्राचीन एवं अत्यन्त स्थिर.
298 अहः संवत्सर दिन एवं संवत्सर आदि कालरूप से स्थित अंश कालस्वरूप.
299 व्याप्ति व्यापकतास्वरूप.
300 प्रमाणम् प्रत्यक्षादि प्रमाणस्वरूप.
नंदी की सवारी करनेवाले शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
301 परमं तप उत्कृष्ट तपस्या स्वरूप.
302 संवत्सरकर संवत्सर आदि कालविभाग के उत्पादक.
303 मंत्रप्रत्यय वेद आदि मंत्रों से प्रतीत होने योग्य.
304 सर्वदर्शन सबके के साक्षी.
305 अज अजन्मा.
306 सर्वेश्वर सबके शासक.
307 सिद्ध सिद्धियों के आश्रय.
308 महारेता श्रेष्ठ वीर्य वाले.
309 महाबल प्रमथगणों की महती सेना से सम्पन्न.
310 योगी योग्य सुयोग्य योगी.
311 महातेजा महान् तेज से सम्पन्न.
312 सिद्धि समस्त साधनों के फल.
313 सर्वादि सब भूतों के आदिकारण.
314 अग्रह इन्द्रियों की ग्रहण शक्ति के अविषय.
315 वसु सब भूतों के वासस्थान.
316 वसुमना उदार मन वाले.
317 सत्य सत्यस्वरूप.
318 सर्वपापहरो हर समस्त पापों का अपहरण करने के कारण हर नाम से प्रसिद्ध.
319 सुकीर्तिशोभन उत्तम कीर्ति से सुशोभित होने सम्पन्न.
320 श्रीमान् विभूतिस्वरूपा उमा से संपन्न.
321 वेदांग वेदरूप अंगों वाले.
322 वेदविन्मुनि वेदों का विचार करने वाले मननशील मुनि.
323 भाजिष्णु एकरस प्रकाशस्वरूप.
324 भोजनम् ज्ञानियों द्वारा भोगने योग्य अमृतस्वरुप.
325 भोक्ता पुरुषरूप से उपभोग करने वाले.
326 लोकनाथ भगवान् विश्वनाथ.
327 दुराधर अजितेन्द्रिय पुरुषों द्वारा जिनकी आराधना अत्यन्त कठिन है.
328 अमृतः शाश्वत सनातन अमृतस्वरूप.
329 शान्त शान्तिमय.
330 बाणहस्तः प्रतापवान् हाथ में बाण धारण करने वाले प्रतापी वीर.
331 कमण्डलुधर कमण्डलु धारण करने वाले.
332 धन्वी पिनाकधारी.
333 अवाङ्मनसगोचर मन और वाणी के अविषय.
334 अतीन्द्रियो महामाय इन्द्रियातीत एवं महामायावी.
335 सर्वावास सबके वासस्थान.
336 चतुष्पय चारों पुरुषार्थों की सिद्धि के एक मात्र मार्ग.
337 कालयोगी प्रलय के समय सबको काल से संयुक्त करने वाले.
338 महानाद गम्भीर शब्द करने वाले अथवा अनाहत बादरूप.
339 महोत्साहो महाबल महान उत्साह और बल से सम्पन्न.
340 महाबुद्धि श्रेष्ठ बुद्धिवाले.
341 महावीर्य अनन्त पराक्रमी.
342 भूतचारी भूतगणों के साथ विचरण वाले.
343 पुरंदर त्रिपुरसंहारक.
344 निशाचर रात्रि में विचरण करने वाले.
345 प्रेतचारी प्रेतों के साथ भ्रमण करने वाले.
346 महाशक्तिर्महाद्युति अनन्त शक्ति एवं श्रेष्ठ कान्ति से सम्पन्न.
347 अनिर्देश्यवपु अनिर्वचनीय स्वरूप वाले.
348 श्रीमान् ऐश्वर्यवान्.
349 सर्वाचार्यमनोगति सबके लिये अविचार्य मनोगतिवाले.
350 बहुश्रुत बहुज्ञ अथवा सर्वज्ञ.
महायोगी शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
351 अमहामाय बड़ी से बड़ी माया भी जिन पर प्रभाव नहीं डाल सकती.
352 नियतात्मा मन को वश में रखने वाले.
353 ध्रुवोऽध्रुव ध्रुव (नित्य कारण) और अध्रुव (अनित्यकार्य) रूप.
354 ओजस्तेजोद्युतिधर ओज (प्राण और बल) तेज (शौर्य आदि गुण) तथा ज्ञान की दीप्ति को धारण करने वाले.
355 जनक सबके उत्पादक.
356 सर्वशासन सबके शासक.
357 नृत्यप्रिय नृत्य के प्रेमी.
358 नित्यनृत्य प्रतिदिन ताण्डव नृत्य करने वाले.
359 प्रकाशात्मा प्रकाशस्वरूप.
360 प्रकाशक सूर्य आदि को भी प्रकाश देने वाले.
361 स्पष्टाक्षर ओंकाररूप स्पष्ट अक्षर वाले.
362 बुध ज्ञानवान.
363 मंत्र ऋक, साम और यजुर्वेद के मंत्रस्वरूप.
364 समान सबके प्रति समान भाव रखने वाले.
365 सारसम्प्लव संसार सागर से पार होने के लिये नौकारूप.
366 युगादिकृद्युगावर्त युगादि का आरम्भ करने वाले तथा चारों युगों को चक्र की तरह घुमाने वाले.
367 गम्भीर गाम्भीर्य ये युक्त.
368 वृषवाहन नन्दी नामक वृषभ (बैल) पर सवार होने वाले.
369 इष्ट परमानन्दस्वरूप होने से प्रिय.
370 अविशिष्ट सम्पूर्ण विशेषणों से रहित.
371 शिष्टेष्ट शिष्ट पुरुषों के इष्टदेव.
372 सुलभ अनन्यचित्त से निरन्तर स्मरण करने वाले वाले भक्तों के लिये सुगमता से प्राप्त होने योग्य.
373 सारशोधन सारतत्त्व की खोज करने वाले.
374 तीर्थरूप तीर्थस्वरूप.
375 तीर्थनामा तीर्थनामधारी अथवा जिनका नाम भवसागर से पार लगाने वाला है.
376 तीर्थदृश्य तीर्थसेवन से अपने स्वरूप का दर्शन कराने वाले अथवा गुरु कृपा से प्रत्यक्ष होने वाले.
377 तीर्थद चरणोदक स्वरूप तीर्थ को देने वाले.
378 अपांनिधि जल के निधान समुद्ररूप.
379 अधिष्ठानम् उपादान कारणरूप से सब भूतों के आश्रय अथवा जगतरूप प्रपंच के अधिष्ठान.
380 दुर्जय जिनको जीतना कठिन है.
381 जयकालवित् विजय के अवसर को समझने वाले.
382 प्रतिष्ठित अपनी महिमा में स्थित.
383 प्रमाणज्ञ प्रमाणों के ज्ञाता.
384 हिरण्यकवचः सुवर्णमय कवच धारण करने वाले.
385 हरि श्रीहरिस्वरूप.
386 विमोचन संसारबंधन से सदा के लिये छुड़ा देने वाले.
387 सुरगण देवसमुदायस्वरूप.
388 विद्येश सम्पूर्ण विद्याओं के स्वामी.
389 विंदुसंश्रय बिन्दुरूप प्रणव के आश्रय.
390 बालरूप बालक का रूप धारण करने वाले.
391 अबलोन्मत्त बल से उन्मत्त न होने वाले.
392 अविकर्ता विकाररहित.
393 गहन दुर्बोधस्वरूप या अगम्य.
394 गुह माया से अपने यथार्थ स्वरूप को छिपाये रखने वाले.
395 करणम् संसार की उत्पत्ति के सबसे बड़े साधन.
396 कारणम् जगत् के उपादान और निमित्त कारण.
397 कर्ता सबके रचियता.
398 सर्वबंधविमोचन सम्पूर्ण बंधनों से छुड़ाने वाले.
399 व्यवसाय निश्चयात्मक ज्ञानस्वरूप.
400 व्यवस्थान सम्पूर्ण जगत की व्यवस्था करने वाले.
त्रिदेवो में पहले शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
401 स्थानद ध्रुव आदि भक्तों का अविचल स्थिति प्रदान करने वाले.
402 जगदादिज हिरण्यगर्भरूप से जगत के आदि में प्रकट होने वाले.
403 गुरुद श्रेष्ठ वस्तु प्रदान करने वाले अथवा जिज्ञासुओं को गुरु की प्राप्ति कराने वाले.
404 ललित सुन्दर स्वरूप वाले.
405 अभेद भेदरहित.
406 भावात्माऽऽत्मनि संस्थित सत्यस्वरूप आत्मा में प्रतिष्ठित.
407 वीरेश्वर वीरशिरोमणि.
408 वीरभद्र वीरभद्र नामक गणाध्यक्ष.
409 वीरासनविधि वीरासन से बैठने वाले.
410 विराट् अखिलब्रह्माण्डस्वरूप.
411 वीरचूडामणि वीरों में सर्वश्रेष्ट.
412 वेत्ता विद्वान्.
413 चिदानन्द विज्ञानानन्दरवरूप.
414 नदीघर मस्तक पर गंगाजी को धारण करने वाले.
415 आज्ञाधार आज्ञा का पालन करने वाले.
416 त्रिशूली त्रिशूलधारण करने वाले.
417 शिपिविष्ट तेजोमयी किरणों से व्याप्त.
418 शिवालय भगवती शिवा के आश्रय.
419 वालखिल्य वालखिल्य ऋषिरूप.
420 महाचाप महान् धनुर्धर.
421 तिग्मांशु सूर्यरूप.
422 बधिर लौकिक विषयों की चर्चा न सुनने वाले.
423 खग आकाशचारी.
424 अभिराम परम सुन्दर.
425 सुशरण सबके लिये सुन्दर आश्रयरूप.
426 सुब्रह्मण्य ब्राह्मणों के परम हितैथी.
427 सुधापति अमृतकलश के रक्षक.
428 मघवान् कौशिक कुशिकवंशीय इन्द्रस्वरूप.
429 गोमान् प्रकाशकिरणों से युक्त.
430 विराम समस्त प्राणियों के लय के स्थान.
431 सर्वसाधन समस्त कामनाओं को सिद्ध करनेवाले.
432 ललाटाक्ष ललाट में तीसरा नेत्र धारण करनेवाले.
433 विश्वदेह जगत्स्वरूप.
434 सार सारतत्वरूप.
435 संसारचक्रभृत् संसार चक्र को धारण करन वाले.
436 अमोघदण्ड जिनका दण्ड कभी व्यर्थ नहीं जाता है.
437 मध्यस्त उदासीन.
438 हिरन्य सुवर्ण अथवा तेज स्वरूप.
439 ब्रह्मवर्चसी ब्रह्मतेज से संपन्न.
440 परमार्थ मोक्षरूप उत्कृष्ट अर्थ की प्राप्ति कराने वाले.
441 परोमयी महामायावी.
442 शम्बर कल्याणप्रद.
443 व्याघ्रलोचन बाघ के सामान भयानक आँखों वाले.
444 रुचि दीप्तिरूप.
445 विरन्चि ब्रह्मस्वरूप.
446 स्वर्बन्धु स्वर्लोक में बंधु के समान सुखद.
447 वाचस्पति वाणी के अधिपति.
448 अहपति दिन के स्वामी स्वरुप.
449 रवि समस्त रसों का शोषण करनेवाले.
450 विरोचन विविध पराक्र के प्रकाश फ़ैलाने वाले.
त्रिनेत्र शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
451 स्कन्द स्वामी कार्तिकेयरूप.
452 शास्ता वैवस्वतो यम सब पर शासन करने वाले सूर्यकुमार यम.
453 युक्तिरुन्नतकीर्ति अष्टांगयोग स्वरूप तथा ऊर्ध्वलोक में फैली हुई कीर्ति से युक्त.
454 सानुराग भक्तजनों पर प्रेम रखने वाले.
455 परंजय दूसरों पर विजय पाने वाले.
456 कैलासाधिपति कैलास के स्वामी.
457 कान्त कमनीय अथवा कान्तिमान्.
458 सविता समस्त जगत् को उत्पन्न करने वाले.
459 रविलोचन सूर्यरूप नेत्रवालें.
460 विद्वतम विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ, परम विद्वान.
461 वीतभय राब प्रकार के भय से रहित.
462 विश्वभर्ता जगत का भरण-पोषण करने वाले.
463 अनिवारित जिन्हें कोई रोक नहीं सकता.
464 नित्य सत्यस्वरूप.
465 नियतकल्याण सुनिश्चित रूप से कल्याणकारी.
466 पुण्यश्रवणकीर्तन जिनके नाम, गुण, महिमा और स्वरूप के श्रवण तथा कीर्तन परम पावन हैं.
467 दूरश्रवा सर्वव्यापी होने के कारण दूर की बात भी सुन लेने वाले.
468 विश्वसह भक्तजनों के सब अपराधों को कृपापूर्वक सह लेने वाले.
469 ध्येय ध्यान करने योग्य.
470 दुःस्वप्ननाशन चिन्तन करने मात्र से बुरे स्वप्नों को नाश करने वाले.
471 उत्तारण संसार सागर से पार उतारने वाले.
472 दुष्कृतिहा पापों का नाश करने वालें.
473 विज्ञेय जानने के योग्य.
474 दुस्सह जिनके वेग को सहन करना दूसरों के लिये अत्यन्त कठिन है.
475 अभव संसार बंधन से रहित अथवा अजन्मा.
476 अनादि जिनका कोई आदि नहीं है.
477 भूर्भुवो लक्ष्मी भूर्लोक और भुवर्लोक की शोभा.
478 किरीटि मुकुटधारी.
479 त्रिदशाधिप देवताओं के स्वामी.
480 विश्वगोप्ता जगत् के रक्षक.
481 विश्वकर्ता संसार की सृष्टि करने वाले.
482 सुवीर श्रेष्ठ वीर.
483 रुचिरांगद सुंदर बाजूबंद धारण करनेवाले.
484 जनन प्राणिमात्र को जन्म देनेवाले.
485 जनजन्मादि जन्म लेने वालों के जन्म के मूल कारण.
486 प्रीतिमान् प्रसन्न.
487 नीतिमान् सदा नीतिपरायण.
488 धव सबके स्वामी.
489 वसिष्ठ वसिष्ठ ऋषिरुप.
490 कश्यप द्रष्टा अथवा कश्यप मुनिरुप.
491 भानु प्रकाशमान अथवा सूर्यरूप.
492 भीम दुष्टों को भय देने वाले.
493 भीमपराक्रम अतिशय भयदायक पराक्रम से युक्त.
494 प्रणव ओंकारस्वरूप.
495 सत्पथाचार सत्पुरुषों के मार्ग पर चलनेवाले.
496 महाकोश अन्नमयादि पावों कोशों को अपने भीतर धारण करने के कारण महाकोशरूप.
497 महाधन अपरिमित ऐश्वर्यवाले अथवा कुबेर को भी धन देने के कारण महाधनवान.
498 जन्माधिप जन्मरूपी कार्य के अध्यक्ष.
499 महादेव सर्वोत्कृष्ट देवता.
500 सकलागमपारग समस्त शास्त्रों के पारंगत विद्वान.
नीलकंठ शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
501 तत्त्वम् यथार्थ तत्त्वरूप.
502 तत्त्ववित् यथार्थतत्त्व को पूर्णतया जानने वाले.
503 एकात्मा अद्वितीय आत्मवरूप.
504 विभु सर्वत्र व्यापक.
505 विश्वभूषण सम्पूर्ण विश्व को उत्तम गुण से विभूषित करने वाले.
506 ऋषि मंत्रद्रष्टा.
507 ब्राह्मण ब्रह्मवेत्ता.
508 ऐश्वर्यजन्ममृत्युजरातिग ऐश्वर्य, जन्म, मृत्यु और जरा से अतीत.
509 पंचयज्ञसमुत्पत्ति पंचमहायज्ञों की उत्पत्ति के हेतु.
510 विश्वेश विश्वनाथ.
511 विमलोदय निर्मल अभ्युदय की प्राप्ति कराने वाले धर्मरूप.
512 आत्मयोनि स्वयम्भू.
513 अनाद्यन्त आदि अन्त से रहित.
514 वत्सल भक्तों के प्रति वात्सल्य स्नेह से युक्त.
515 भक्तलोकधृक् भक्तजनों के आश्रय.
516 गायत्रीवल्लभ गायत्री मंत्र के प्रेमी.
517 प्रांशु ऊँचे शरीर बाले.
518 विश्वावास सम्पूर्ण जगत् आवासस्थान.
519 प्रभाकर सूर्यरूप.
520 शिशु बालकरूप.
521 गिरिरत कैलास पर्वत पर रमण करने वाले.
522 सम्राट देवेश्वरों के भी ईश्वर.
523 सुषेण: सुरशत्रुहा प्रमथगणों की सुन्दर सेना से युक्त तथा देवशत्रुओं का संहार करने वाले.
524 अमोघोऽरिष्टनेमि अमोघ संकल्प वाले महर्षि कश्यपरूप.
525 कुमुद भूतल को आहलाद प्रदान करने वाले चन्द्रमारूप.
526 विगतज्वर चिंतारहित.
527 स्वयंज्योतिस्तनुज्योति अपने ही प्रकाश से प्रकाशित होने वाले सूक्ष्मज्योतिःस्वरूप.
528 आत्मज्योति अपने स्वरूपभूत ज्ञान की प्रभा से प्रकाशित.
529 अचंचल चंचलता से रहित.
530 पिंगल पिंगलवर्ण वाले.
531 कपिलश्मश्रु कपिल वर्ण की दाढ़ी मूंछ रखने वाले दुर्वासा मुनि के रूप में अवतीर्ण.
532 भालनेत्र ललाट में तृतीय नेत्र धारण करने वाले..
533 त्रयीतनु तीनों लोक या तीनों वेद जिनके स्वरूप है.
534 ज्ञानस्कन्दो महानीति ज्ञानप्रद और श्रेष्ठ नीतिवाले.
535 विश्वोत्पत्ति जगत् के उत्पादक.
536 उपप्लव संहारकारी.
537 भगो विवस्वानादित्य अदितिनन्दन भग एवं विवस्वान्.
538 योगपार योगविद्या में पारंगत.
539 दिवस्पति स्वर्गलोक के स्वामी.
540 कल्याणगुणनामा कल्याणकारी गुण और नाम वाले.
541 पापहा पापनाशक.
542 पुण्यदर्शन पुण्यजनक दर्शनवाले अथवा पुण्य से ही जिनका दर्शन होता है.
543 उदारकीर्ति उत्तम कीर्तिवाले.
544 उद्योगी उद्योगशील.
545 सद्योगी श्रेष्ठ योगी.
546 सदसन्मय सदसत्स्वरूप.
547 नक्षत्रमाली नक्षत्रों की माला से अलंकृत आकाशरूप.
548 नाकेश स्वर्ग के स्वामी.
549 स्वाधिष्ठानपदाश्रय स्वाधिष्ठान चक्र के आश्रय.
550 पवित्र पापहारी.
551 मणिपुर मणिपुर नामक चक्रस्वरूप.
552 नभोगति आकाशचारी.
553 हत्पुण्डरीकमासीन हृदयकमल में स्थित.
554 शक्र इन्द्ररूप.
555 शान्त शान्तस्वरूप.
556 वृषाकपि हरिहर.
557 उष्ण हालाहल विष की गर्मी से उष्णायुक्त.
558 गृहपति समस्त ब्रह्माण्डरूपी घर के स्वामी.
559 कृष्ण सच्चिदानन्दस्वरूप.
560 समर्थ सामर्थ्यशाली.
561 अनर्थनाशन अनर्थ का नाश करने वाले.
562 अधर्मशत्रु अधर्मनाशक.
563 अज्ञेय बुद्धि की पंहुच से परे अथवा जानने में न आने वाले.
564 पुरुहूतः पुरुश्रुत बहुत से नामों द्वारा पुकारे और सुने जाने वाले.
565 ब्रह्मगर्भ ब्रह्मा जिनके गर्भस्थ शिशु के समान है.
566 बृहदगर्भ विश्वब्रहमाण्ड प्रलयकाल में जिनके गर्भ में रहता है.
567 धर्मधेनु धर्मरूपी वृषभ को उत्पन्न करने के लिये धेनुस्वरूप.
568 धनागम धन की प्राप्ति कराने वाले.
569 जगद्धितैषी समस्त संसार का हित चाहने वाले.
570 सुगत उत्तम ज्ञान से सम्पन्न अथवा बुद्धस्वरूप.
571 कुमार कार्तिकेवरूप.
572 कुशलागम कल्याणदाता.
573 हिरण्यवर्णो ज्योतिष्मान् सुवर्ण के समान गौरवर्ण वाले तथा तेजस्वी.
574 नानाभूतरत नाना प्रकार के भूतों के साथ क्रीडा करने वाले.
575 ध्वनि नादस्वरूप.
576 अराग आसक्तिशून्य.
577 नयनाध्यक्ष क्षेत्रों में द्रष्टयरूप से विद्यमान.
578 विश्वामित्र सम्पूर्ण जगत् के प्रति मैत्री भावना रखने वाले मुनिस्वरूप.
579 धनेश्वर धन के स्वामी कुबेर.
580 ब्रह्मज्योति ज्योति स्वरूप ब्रह्म.
581 वसुधामा सुवर्ण और रत्नों के तेज से प्रकाशित अथवा वसुधास्वरूप.
582 महाज्योतिरनुत्तम सूर्य आदि ज्योतियों के प्रकाशक सर्वोत्तम महाज्योतिः स्वरूप.
583 मातामह मातृकाओं के जन्मदाता होने के कारण मातामह.
584 मातरिश्वा नभस्वान् आकाश में विचरण करने वाले वायुदेव.
585 नागहारघृक् सर्पमय हार धारण करने वाले.
586 पुलस्त्य पुलस्त्य नामक मुनि.
587 पुलह पुलह नामक ऋषि.
588 अगस्त्य कुम्भजन्मा अगस्त्य ऋषि.
589 जातूकर्ण्य जातूकर्ण्य नाम से प्रसिद्ध मुनि.
590 पराशर शक्ति के पुत्र तथा व्यास जी के पिता मुनिवर पयशर.
591 निरावरणनिर्वार आवरणशून्य तथा अवरोधरहित.
592 वैरंचय ब्रह्माजी के पुत्र बीललोहित रुद्र.
593 विष्टरश्रवा विस्तृत यशवाले विष्णुस्वरूपं.
594 आत्मभू स्वयम्भू ब्रह्मा.
595 अनिरुद्ध अकुण्ठित गति वाले.
596 अत्रि अत्रि नामक ऋषि अथवा गुणातीत.
597 ज्ञानमूर्ति ज्ञानस्वरूप.
598 महायशा महायशस्वी.
599 लोकवीराग्रणी विश्वविख्यात वीरों में अग्रगण्य.
600 वीर महा शूरवीर.
भोलेनाथ महादेव शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
601 चण्ड प्रलय के समान अत्यन्त क्रोध करने.
602 सत्यपराक्रम सच्चे पराक्रमी.
603 व्यालाकल्प सर्पों के आभूषण से श्रृंगार करने वाले.
604 महाकल्प महाकल्पसंज्ञक कालस्वरूपवाले.
605 कल्पवृक्ष शरणागतों की इच्छा पूर्ण करने के लिये कल्पवृक्ष के समान उदार.
606 कलाधार चन्द्रकलाधारी.
607 अलंकरिष्णु अलंकार धारण करने वाले या कराने वाले.
608 अचल विचलित न होने वाले.
609 रोचिष्णु प्रकाशमान.
610 विक्रमोन्नत पराक्रम में सर्वोत्तम.
611 आयुः शब्दापति आयु तथा वाणी के स्वामी.
612 वेगी प्लवन वेगशाली कूदने तैरने तथा.
613 शिशिसारथी अग्निरूप सहायक वाले.
614 असंसृष्ट निर्लेप.
615 अतिथि प्रेमी भक्तों के घर पर अतिथि की भांति उपस्थित हो उनका सत्कार ग्रहण करने वाले.
616 शक्रप्रमाथी इंद्र का मान मर्दन करने वाले.
617 पादपासन वृक्षों पर या वृक्षों के नीचे आसन लगाने वाले.
618 वसुश्रवा यशरूपी धन से सम्पन्न.
619 हव्यवाह अग्निस्वरूप.
620 प्रतप्त सूर्यरूप से प्रचण्ड ताप देने वाले.
621 विश्वभोजन प्रलयकाल में विश्व ब्रह्माण्ड को अपना ग्रास बना लेने वाले.
622 जप्य जपने योग्य नाम वाले.
623 जरादिशमन बुढ़ापा आदि दोषों का निवारण करने वाले.
624 लोहितात्मा तननूपात् लोहितवर्ण वाले अग्निरूप.
625 बृहदश्व विशाल अश्ववाले.
626 नभोयोनि आकाश के उत्पति के स्थान.
627 सुप्रतीक सुन्दर शरीर वाले.
628 तमिस्रहा अज्ञानान्धकारनाशक.
629 निदाघस्तपन तपने वाले ग्रीष्मरूप.
630 मेघ बादलों से उपलक्षित वर्षारूप.
631 स्वक्ष सुन्दर क्षेत्रों वाले.
632 परपुरंजय त्रिपुररूप शत्रुनगरी पर विजय पाने वाले.
633 सुखानिल सुखदायक वायु को प्रकट करने वाले शरत्कालरूप.
634 सुनिष्पन्न जिसमें अन्न का सुन्दर रूप से परिपाक होता है, वह हेमन्मकालरूप.
635 सुरभिः शिशिरात्मक सुगन्धित मलयानिल से युक्त शिशिर ऋतुरूप.
636 वसन्तो माघव चैत्र वैशाख इन दो मासों से युक्त वसन्तरूप.
637 ग्रीष्म ग्रीष्म ऋतुरूप.
638 नभस्य भाद्रपदमासरूप.
639 बीजवाहन धान आदि के बीजों की प्राप्ति कराने वाला शरत्काल.
640 अंगिरा गुरु अंगिरा नामक ऋषि तथा उनके पुत्र देवगुरु बृहस्पति.
641 आत्रेय अत्रिकुमार दुर्वासा.
642 विमल निर्मल.
643 विश्ववाहन सम्पूर्ण जगत् का निर्वाह कराने वाले.
644 पावन पवित्र करने वाले.
645 सुमतिर्विद्वान् उत्तम बुद्धिवाले विद्वान.
646 त्रैविद्य तीनो वेदों के विद्वान अथवा तीनो वेदों द्वारा प्रतिपादित.
647 वरवाहन वृषभरूप वाहन वाले.
648 मनोबुद्धिरंहकार मन, बुद्धि और अहंकारस्वरूप.
649 क्षेत्रज्ञ आत्मा.
650 क्षेत्रपालक शरीररूपी क्षेत्र का पालन करने वाले परमात्मा.
परमात्मा शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
651 जमदग्नि जमदग्नि नामक ऋषिरूप.
652 बलनिधि अनन्त बल के सागर.
653 विगाल अपनी जटा से गंगा जल को टपकाने वाले.
654 विश्वगालव विश्वविख्यात गालव मुनि अथवा प्रलयकाल में कालाग्निरवरूप से जगत को निगल जाने वाले.
655 अघोर अघोरवरूप.
656 अनुत्तर सर्वश्रेष्ट.
657 यज्ञः श्रेष्ठ श्रेष्ठ यज्ञरूप.
658 निःश्रेयसप्रद कल्याणदाता.
659 शैल शिलामय लिंगरूप.
660 गगनकुंदाभ आकाशकुन्द चन्द्रमा के समान गौर कान्तिवाले.
661 दानवारि दानव शत्रु.
662 अरिंदम शत्रुओं का दमन करने वाले.
663 रजनीजनकश्चारु सुन्दर निशाकररूप.
664 निःशल्य निष्कंटक,कष्टरहित.
665 लोकशल्यधृक् शरणागतजनों के शोक शल्य को निकालकर स्वयं धारण करने वाले.
666 चतुर्वेद चारों वेदों के जानने योग्य.
667 चतुर्भाव चारों पुरुषार्थो की प्राप्ति करनेवाले.
668 चतुरश्तुरप्रिय चतुर एवं चतुर पुरुषों के प्रिय.
669 आम्नाय वेदरवरूप.
670 समाम्नाय अक्षरसमाम्नाय - शिवसूत्ररूप.
671 तीर्यदेवशिवालय तीर्थों के देवता और शिवालयरूप.
672 बहुरूप अनेक रूपवाले.
673 महारूप विराट् रूपधारी.
674 सर्वरूपश्चराचर चर और अचर सम्पूर्ण रूपवाले.
675 न्यायनिर्मायको न्यायी न्यायकर्ता तथा न्यायशील.
676 न्यायगम्य न्याययुक्त आचरण से प्राप्त होने योग्य.
677 निरंजन निर्मल.
678 सहस्रमूर्द्धा सहस्रों सिर वाले.
679 देवेन्द्र देवताओं के स्वामी.
680 सर्वशस्त्रप्रभंजन विपक्षी योद्धाओं के सम्पूर्ण शस्त्रों को नष्ट कर देने वाले.
681 मुण्ड मुंडे हुए सिर वाले सन्यासी.
682 विरूप विविध रूपवाले.
683 विक्रान्त विक्रमशील.
684 दण्डी दण्डधारी.
685 दान्त मन और इन्द्रियों का दमन करने वाले.
686 गुणोत्तम गुणों में सबसे श्रेष्ठ.
687 पिंगलाक्ष पिंगल नेत्रवाले.
688 जनाध्यक्ष जीवमात्र के साक्षी.
689 नीलग्रीव नीलकण्ठ.
690 निरामय नीरोग.
691 सहस्रबाहु सहस्त्र भुजाओं से युक्त.
692 सर्वेश सबके स्वामी.
693 शरण्य शरणागत हितैषी.
694 सर्वलोकधृक् सम्पूर्ण लोकों को धारण करने वाले.
695 पद्मासन कमल के आसन पर विराजमान.
696 परं ज्योति स्वयम प्रकाशस्वरूप.
697 पारम्पर्य्यफलप्रद परम्परागत फल की प्राप्ति कराने वाले.
698 पद्मगर्भ अपनी नाभि से कमल को प्रकट करने वाले विष्णुरूप.
699 महागर्भ विराट् ब्रह्माण्ड को गर्भ में धारण करने के कारण महान् गर्भवाले.
700 विश्वगर्भ सम्पूर्ण जगत् को अपने उदर में धारण करने वाले.
भक्तप्रिय शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
701 विचक्षण चतुर.
702 परावरज्ञ कारण और कार्य के ज्ञाता.
703 वरद अभीष्ट वर देने वाले.
704 वरेण्य वरणीय अथवा श्रेष्ठ.
705 महास्वन डमरू का गंभीर नाद करनेवाले.
706 देवासुरगुरुर्देव देवताओं तथा असुरों से गुरु.
707 देवासुर नमस्कृत देवताओं तथा असुरों से वन्दित.
708 देवासुरमहामित्र देवता तथा असुरों दोनों के बड़े मित्र
709 देवासुरमहेश्वर देवताओं और असुरों के महान् ईश्वर.
710 देवासुरेश्वर देवताओं और असुरों के शासक.
711 दिव्य अलौकिक स्वरूपवाले.
712 देवासुरमहाश्रय देवताओं और असुरों के महान आश्रय.
713 देवदेवमय देवताओं के लिये भी देवतारूप.
714 अचिन्त्य चित्त की सीमा से परे विद्यमान.
715 देवदेवात्मसम्भव देवाधिदेव ब्रह्माजी से रुद्ररूप में उत्पन्न.
716 सद्योनि सत्पदार्थों की उत्पत्ति के हेतु.
717 असुरव्याघ्र असुरों का विनाश करने के लिये व्याघ्ररूप.
718 देवसिंह देवताओं में श्रेष्ठ.
719 दिवाकर सूर्यरूप.
720 विबुधाग्रचरश्रेष्ठ देवताओं के नायकों में सर्वश्रेष्ठ.
721 सर्वदेवोत्तमोत्तम सम्पूर्ण श्रेष्ठ देवताओं के भी शिरोमणि.
722 शिवज्ञानरत कल्याणमय शिवतत्त्व के विचार में तत्पर.
723 श्रीमान् अणिमा आदि विभूतियों से सम्पन्न.
724 शिखिश्रीपर्वतप्रिय कुमार कार्तिकेय के निवासभूत श्रीशैल नामक पर्वत से प्रेम करने वाले.
725 वज्रहस्त वज्रधरी इंद्ररूप.
726 सिद्धखड्ग शत्रुओं को मार गिराने में जिनकी तलवार कभी असफल नहीं होती.
727 नरसिंहनिपातन शरभरूप से नृसिंह को धराशायी करने वाले.
728 ब्रह्मचारी भगवती उमा के प्रेम की परीक्षा लेने के लिये ब्रह्मचारी रूप में प्रकट होने वाले.
729 लोकचारी समस्त लोकों में विचरण करने वाले.
730 धर्मचारी धर्म का आचरण करने वाले.
731 धनाधिप धन के अधिपति कुबेर.
732 नन्दी नन्दी नामक गण.
733 नन्दीश्वर नन्दी के ईश्वर.
734 अनन्तः अन्तरहित.
735 नग्नव्रतधर दिगम्बर रहने का व्रत धारण करने वाले.
736 शुचि नित्यशुद्ध.
737 लिंगाध्यक्ष लिंगदेह के द्रष्टा.
738 सुराध्यक्ष देवताओं के अधिपति.
739 योगाध्यक्ष योगेश्वर.
740 युगावह युग के निर्वाहक.
741 स्वधर्मा आत्मविचाररूप धर्म में स्थित अथवा स्वधर्मपरायण.
742 स्वर्गत स्वर्गलोक में स्थित.
743 स्वर्गस्वर स्वर्गलोक में जिनके यश का गान किया जाता है.
744 स्वरमयस्वन सात प्रकार के स्वरों से युक्त ध्वनि वाले.
745 बाणाध्यक्ष बाणासुर के स्वामी अथवा बाणलिंग नर्मदेश्वर में अधिदेवतारूप से स्थित.
746 बीजकर्ता बीज के उत्पादक.
747 धर्मकृद्धर्मसम्भव धर्म के पालक और उत्पादक.
748 दम्भ मायामयरूपधारी.
749 अलोभ लोभरहित.
750 अर्थविच्छम्भु सबके प्रयोजन को जाननेवाले कल्याणनिकेतन शिव.
विष्णुप्रिय शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
751 सर्वभूतमहेश्वर सम्पूर्ण प्राणियों के परमेश्वर.
752 श्मशाननिलय श्मशानवासी.
753 त्र्यक्ष त्रिनेत्रधारी.
754 सेतु धर्म मर्यादा के पालक.
755 अप्रतिमाकृति अनुपम रूप वाले.
756 लोकोत्तरस्फुटालोक अलौकिक एवं सुस्पष्ट प्रकाश से युक्त.
757 त्र्यम्बक त्रिनेत्रधारी अथवा त्र्यम्बक नामक ज्योर्तिलिंग.
758 नागभूषण नागहार का से विभूषित.
759 अन्धकारि अन्धकासुर का वध करनेवाले..
760 मखद्वेषी दक्ष के यज्ञ का विध्वंस करने वाले.
761 विष्णुकंधरपातन यज्ञमय विष्णु का गला काटने वाले.
762 हीनदोष दोषरहित.
763 अक्षयगुण अविनाशी गुणों से सम्पन्न.
764 दक्षारि दक्षद्रोही.
765 पूषदन्तभित् पूषा देवता के दांत तोड़ने वाले.
766 धूर्जटी जटा के भार से विभूषित.
767 खण्डपरशु खण्डित परशुवाले.
768 सकलो निष्कल साकार एवं निराकार परमात्मा.
769 अनघ पापा के स्पर्श से शून्य.
770 अकाल काल के प्रभाव से रहित.
771 सकलाधार सब के आधार.
772 पाण्डुराभ श्वेत कान्तिवाले.
773 मृडो नट सुखदायक एवं ताण्डवनृत्यकारी.
774 पूर्ण सर्वव्यापी परब्रह्म परमात्मा.
775 पूरयिता भक्तों की अभिलाषा पूर्ण करनेवाले.
776 पुण्य परम पवित्र.
777 सुकुमार जिनके सुन्दर कुमार हैं.
778 सुलोचन सुन्दर नेत्रवाले.
779 सामगेयप्रिय सामगान के प्रेमी.
780 अक्रूर क्रूरतारहित.
781 पुण्यकीर्ति पवित्र कीर्तिवाले.
782 अनामय रोगशोक से रहित.
783 मनोजव मन के समन वेगशाली.
784 तीर्थकर तीर्थों के निर्माता.
785 जटिल जटाधारी.
786 जीवितेश्वर सब के प्राणेश्वर.
787 जीवितान्तकर प्रलयकाल में सबके जीवन का अन्त करने वाले.
788 नित्य सनातन.
789 वसुरेता सुवर्णमय वीर्यवाले.
790 वसुप्रद धनदाता.
791 सदगति सत्पुरुषों के आश्रय.
792 सत्कृति शुभ कर्म करने वाले.
793 सिद्धि सिद्धिस्वरूप.
794 सज्जाति सत्पुरुषों के जन्मदाता.
795 खलकण्टक दुष्टों के लिये कण्टकरूप.
796 कलाधार कलाधारी.
797 महाकालभूत महाकाल नामक ज्योतिर्लिंगस्वरूप अथवा काल के भी काल होने से महाकाल.
798 सत्यपरायण सत्यनिष्ठ.
799 लोकलावण्यकर्ता लोगों को सौन्दर्य प्रदान करने वाले.
800 लोकोत्तर सुखालय लोकोत्तर सुख के आश्रय.
विश्वरक्षक शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
801 चंद्रसंजीवन शास्त सोमनाथरूप से चन्द्रमा को जीवन प्रदान करनेवाले सर्वशासक शिव.
802 लोकगूढ़ समस्त संसार में अव्यक्तरूप से व्यापक.
803 महाधिप महेश्वर.
804 लोकबंधुर्लोकनाय सम्पूर्ण लोकों बघु व रक्षक.
805 कृतज्ञ उपकार को मानने वाले.
806 कीर्तिभूषण उत्तम यश से विभूषित.
807 अनपायोऽक्षर विनाशरहित अविनाशी.
808 कान्त प्रजापति दक्ष का अन्त करने वाले.
809 सर्वशस्त्रभृतां वर सम्पूर्ण शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ.
810 तेजोमयो द्युतिधर तेजस्वी और कान्तिमान्.
811 लोकानामग्रणी सम्पूर्ण जगत् के लिये अग्रगण्य देवता अथवा जगत् को आगे बढ़ाने वाले.
812 अणु अत्यंत सूक्ष्म.
813 शुचिस्मित पवित्र मुस्कान वाले.
814 प्रसन्नात्मा हर्ष भरे हृदय वाले.
815 दुर्जेय जिन पर विजय पाना अत्यन्त कठिन है.
816 दुरतिक्रम दुर्लडघ्य.
817 ज्योतिर्मय तेजोगय.
818 जगन्नाय विश्वनाथ.
819 निराकार आकाररहित परमात्मा.
820 जलेश्वर जल के स्वामी.
821 तुम्बवीण तूंबी की वीणा बजाने वाले.
822 महाकोप संहार के समय क्रोध करने वाले.
823 विशोक शोकरहित.
824 शोकनाशन शोक का नाश करने वाले.
825 त्रिलोकप तीनों लोकों का पालन करनेवाले.
826 त्रिलोकेश त्रिभुवन के स्वामी.
827 सर्वशुद्धि सबकी शुद्धि करने वाले.
828 अधोक्षज इन्द्रियों और उनके विषयों से अतीत.
829 अव्यक्तलक्षणो देव अव्यक्त लक्षणवाले देवता.
830 व्यक्ताव्यक्त स्थूल सूक्ष्म रूप.
831 विशाम्पत्ति प्रजाओं के पालक.
832 वरशील श्रेष्ठ स्वभाववाले.
833 वरगुण उत्तम गुण वाले.
834 सार सारतत्त्व.
835 मानधन स्वाभिमान के धनी.
836 मय सुखस्वरूप.
837 ब्रह्मा सृष्टिकर्ता ब्रह्मा.
838 विष्णुः प्रज्ञापाल प्रजापालक विष्णु.
839 हंस सूर्यस्वरूप.
840 हंसगति हंस के समान चालवाले.
841 वय गरुड़ पक्षी.
842 वेधा,विधाता धाता ब्रह्मा, धाता और विधाता नामक देवतास्वरूप.
843 स्रष्टा सृष्टिकर्ता.
844 हर्ता संहारकारी.
845 चतुर्मख चार मुख वाले ब्रह्मा.
846 कैलासशिखरावासी कैलास के शिखर पर निवास करने वाले.
847 सर्वव्यापी सर्वावासी.
848 सदागति निरन्तर गतिशील वायुदेवता.
849 हिरण्यगर्भ ब्रह्मा.
850 द्रुहिण ब्रह्मा.
देवो के देव महादेव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
851 भूतपाल प्राणियों का पालन करने वाले.
852 भूपति पृथ्वी के स्वामी.
853 सद्योगी श्रेष्ठ योगी.
854 योगविद्योगी योगविद्याओं के ज्ञाता योगी.
855 वरद वर देने वाले.
856 ब्राह्मणप्रिय ब्राह्मणों के प्रेमी.
857 देवप्रियो देवनाथ देवताओं के प्रिय तथा रक्षक.
858 देवज्ञ देवतत्त्व के ज्ञाता.
859 देवचिन्तक देवताओं का विचार करने वाले.
860 विषमाक्ष विषम नेत्रवाले.
861 विशालाक् बड़े-बड़े नेत्र वाले.
862 वृषदो वृषवर्धन धर्म का दान और वृद्धि करने वाले.
863 निर्गम ममतारहित.
864 निरहंकार अहंकारशून्य.
865 निर्मोह मोहशून्य.
866 निरुपद्रव उपद्रव या उत्पात से दूर.
867 दर्पहा दर्पद दर्प का हनन और खण्डन करने वाले.
868 दृप्त स्वाभिमानी.
869 सर्वर्तुपरिवर्तक रामस्त ऋतुओं को बदलते रहने वाले.
870 सहस्रजित् सहस्रों पर विजय पाने वाले.
871 सहस्रार्चि सहस्रों किरणों से प्रकाशमान सूर्यरूप.
872 स्निग्ध प्रकृतिदक्षिण स्नेहयुक्त स्वभाव वाले तथा उदार.
873 भूतभव्यभवन्नाथ भूत, भविष्य और वर्तमान के स्वामी.
874 प्रभव सबकी उत्पत्ति के कारण.
875 भूतिनाशन दुष्टों के ऐश्वर्य का नाश करने वालें.
876 अर्थ परमपुरुषार्थरूप.
877 अनर्थ प्रयोजनरहित.
878 महाकोश अनन्त धनराशी के स्वामी.
879 परकार्येक पण्डित पराये कार्य को सिद्ध करने कला के एकमात्र विद्वान.
880 निष्कण्टक कण्टकरहित.
881 कृतानन्द नित्यसिद्ध आनन्दस्वरूप.
882 निर्व्याजो व्याजमर्दन स्वयं कपटरहित होकर दूसरे के कपट को नष्ट करने वाले.
883 सत्त्ववान् सत्त्वगुण से युक्त.
884 सात्त्विक सत्वनिष्ठ.
885 सत्यकीर्ति सत्यकीर्तिवाले.
886 स्नेहकृतागम जीवों के प्रति स्नेह के कारण विभिन्न आगमों को प्रकाश में लाने वाले.
887 अकम्पित सुस्थिर.
888 गुणग्राही गुणों का आदर करने वाले.
889 नैकात्मा नैककर्मकृत् अनेक रूप होकर अनेक प्रकार के कर्म करने वाले.
890 सुप्रीत अत्यन्त प्रसन्न.
891 सुमुख सुन्दर मुखवाले.
892 सूक्ष्म स्थूलभाव से रहित.
893 सुकर सुन्दर हाथ वाले.
894 दक्षिणानिल मलयानिल के सामान सुखद.
895 नन्दिरकन्धधर नन्दी की पीठ पर सवार होने वाले.
896 धुर्य उत्तरदायित्व का भार वहन करने में समर्थ.
897 प्रकट भक्तों के सामने प्रकट होने वाले अथवा ज्ञानियों के सामने नित्य प्रकट.
898 प्रीतिवर्धन प्रेम बढ़ाने वाले.
899 अपराजित किसी से पराजित व होने वाले.
900 सर्वसत्त्व सम्पूर्ण सत्त्वगुण के आश्रय अथवा समस्त प्राणियों की उत्पत्ति के हेतु.
चारों वेदों के ज्ञानी शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
901 गोविन्द गोलोक की प्राप्ति कराने वाले.
902 सत्त्ववाहन सत्त्वस्वरूप धर्ममय वृषभ से वाहन का काम लेने वाले.
903 अधृत आधाररहित.
904 स्वधृत अपने आप में ही स्थित.
905 सिद्ध नित्यसिद्ध.
906 पूतमूर्ति पवित्र शरीवाले.
907 यशोधन सुयश के धनी.
908 वाराहश्रृंगधृक्छूंगी वाराह के दाढ़रुपी श्रृंगो को धारण करनेवाले.
909 बलवान शक्तिशाली.
910 एकनायक अद्वितीय नेता.
911 श्रुतिप्रकाश वेदों को प्रकाशित करने वाले.
912 श्रुतिमान वेदज्ञान से सम्पन्न.
913 एकबन्धु सबके एकमात्र सहायक.
914 अनेककृत् अनेक प्रकार के पदार्थों की सृष्टि करने वाले.
915 श्रीवत्सलशिवारम्भ श्रीवत्सधारी विष्णु के लिये मंगलकारी.
916 शान्तभद्र शान्त एवं मंगलवरूप.
917 सम सर्वत्र समभाव रखने वाले.
918 यश यशस्वरूप.
919 भूशय पृथ्वी पर शयन करने वाले.
920 भूषण सबको विभूषित करने वाले.
921 भूति कल्याणस्वरूप.
922 भृतकृत प्राणियों की सृष्टि करने वाले.
923 भूतभावन भूतों के उत्पादक.
924 अकम्प कम्पित न होने वाले.
925 भक्तिकाय भक्तिस्वरूप.
926 कालहा कालनाशक.
927 नीललोहित नील और लोहितवर्णवाले.
928 सत्यव्रत-महात्यागी सत्यव्रतधारी एवं महान् त्यागी.
929 नित्यशान्तिपरायण निरन्तर शान्त.
930 परार्थवृत्तिर्वरद परोपकारव्रती एवं अभीष्ट वरदाता.
931 विरक्त वैराग्यवान.
932 विशारद विज्ञानवान्.
933 शुभदः शुभकर्ता शुभ देने और करने वाले.
934 शुभनामा शुभः स्वयम् स्वयं शुभस्वरूप होने के कारण शुभ नामधारी.
935 अनर्थित याचनारहित.
936 अगुण निर्गुण.
937 साक्षी अकर्ता द्रष्टा एवं कर्तृत्वरहित.
938 कनकप्रभ सुवर्ण के समान कान्तिमान
939 स्वभावभद्र स्वभावतः कल्याणकारी.
940 मध्यस्थ उदासीन.
941 शत्रुघ्न शत्रुनाशक.
942 विघ्ननाशन विघ्नों का निवारण करने वाले.
943 शिखण्डी कवची शूली मोरपंख, कवच और त्रिशूल धारण करने वाले.
944 जटी मुण्डी च कुण्डली जटा, मुण्डमाला और कवच धारण करने वाले.
945 अमृत्यु मृत्युरहित.
946 सर्वदृसिंह सर्वज्ञों में श्रेष्ठ.
947 तेजोरार्शिमहामणि तेज पुंज महामणि कौस्तुभादिरूप.
948 असंख्येयोऽप्रमेयात्मा असंख्य नाम, रूप और गुणों से युक्त होने के कारण किसी के द्वारा मापे में जाने वाले.
949 वीर्यवान् वीर्यकोविद पराक्रमी एवं पराक्रम के ज्ञाता
950 वेद्य जानने योग्य.
शत्रु विनाशक शिव के नाम 1008 names of lord shiva in hindi
951 वियोगात्मा दीर्घकाल तक सती के वियोग में अथवा विशिष्ट योग की साधना में संलग्न हुए मन वाले.
952 परावरमुनीश्व भूत और भविष्य के ज्ञाता मुनीश्वररूप.
953 अनुत्तमो दुराधर्ष सर्वोत्तम एवं दुर्जय.
954 मधुरप्रियदर्शन जिनका दर्शन मनोहर एवं प्रिय लगता है.
955 सुरेश देवताओं के ईश्वर.
956 शरणम् आश्रयदाता.
957 सर्व सर्वस्वरूप.
958 शब्दब्रह्म सतां गति प्रणवरूप.
959 कालपक्ष काल जिनका सहायक है.
960 कालकाल काल के भी काल.
961 कंकणीकृतवासुकि वासुकि नाग को अपने हाथ में कंगन के समान धारण करने वाले.
962 महेष्वास महाधनुर्धर.
963 महीभर्ता पृथ्वीपलक.
964 निष्कलंक कलंकशून्य.
965 विश्रृंखल बन्धनरहित.
966 धुमणिस्तरणि आकाश में मणि के समान प्रकाशमान तथा भक्तों को भवसागर से तारने के लिये नौकारूप सूर्य.
967 धन्य कृतकृत्य.
968 सिद्धिदः सिद्धिसाधन सिद्धिदाता और सिद्धि के साधन.
969 विश्वतः संवृत सब ओर से माया द्वारा आवृत.
970 स्तुत्य स्तुति के योग्य.
971 व्यूढोरस्क चौड़ी छाती वाले.
972 महाभुज बड़ी भुजाओं वाले.
973 सर्वयोनि सबकी उत्पत्ति के स्थान.
974 निरातंक निर्भय.
975 नरनारायणप्रिय नर नारायण के प्रेमी अथवा प्रियतम्.
976 निर्लेपो निष्प्रपंचात्मा दोष सम्पर्क से रहित तथा जगत्प्रपंच से अतीत स्वरूपवाले.
977 निर्व्यंग विशिष्ट अंगवाले प्राणियों के प्राकट्य में हेतु.
978 व्यंगनाशन यज्ञादि कर्मों में होने वाले अंग वैगुण्य का नाश करने वाले.
979 स्तव्य स्तुति के योग्य.
980 स्तवप्रिय स्तुति के प्रेमी.
981 स्तोता स्तुति करनेवाले.
982 व्यासमूर्ति व्यासस्वरूप.
983 निरंकुश अंकुशरहित स्वतंत्र.
984 निरवद्यमयोपाय मोक्ष प्राप्ति के निर्दोष उपायरूप.
985 विद्याराशि विद्याओं के सागर.
986 रराप्रिय ब्रह्मानन्द रस के प्रेमी.
987 प्रशान्तबुद्धि शान्त बुद्धिवाले.
988 अक्षुण्ण क्षोभ या नाश से रहित.
989 संग्रही भक्तों का संग्रह करने वाले.
990 नित्यसुन्दर सतत मनोहर.
991 वैयाघ्रधुर्य व्याघ्रचर्मधारी(बाघ की खाल पहने वाले.).
992 धात्रीश ब्रह्माजी के स्वामी.
993 शाकल्य शाकल्य ऋषिरूप.
994 शर्वरीपति रात्रि के स्वामी चन्द्रमारूप.
995 परमार्थगुरुर्दत्तः सूरि परमार्थ तत्त्व का उपदेश देने वाले ज्ञानी गुरु दत्तात्रेयरूप.
996 आश्रितवत्सल शरणागतों पर दया करने वाले.
997 सोम उमासहित.
998 रसज्ञ भक्तिरस के ज्ञाता.
999 रसद प्रेम रस प्रदान.
1000 सर्वसत्त्वावलम्बन समस्त प्राणियों को सहारा देने वाले.
1001 अन्तर्हितात्मा अन्तर्यामी आत्मा.
1002 दक्षिणानिल मलयानिल के सामान सुखद.
1003 वाराहश्रृंगधृक्छूंगी वाराह के दाढ़रुपी श्रृंगो को धारण करनेवाले.
1004 सर्वशस्त्रभृतां वर सम्पूर्ण शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ.
1005 परावरज्ञ कारण और कार्य के ज्ञाता.
1006 नभोगति आकाशचारी.
1007 वर्णी ब्रह्मचारी.
1008 आम्नाय वेदरवरूप.
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