श्री राम नवमी 2024 :-पंडित कौशल पाण्डेय
श्री राम जी का जन्मोत्सव चैत्र महीने की नवमी तिथि को मनाया जाता है इस इस वर्ष प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव पर्व बुधवार को मनाया जायेगा। इस तिथि को श्री #रामनवमी के नाम से जाना जाता है। शोधानुसार 5114 ईसा पूर्व प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। यानी आज से 7136 वर्ष पूर्व उनका जन्म हुआ था।
श्री रामनवमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि बुधवार 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी।
श्री रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त : 11:11:38 से 13:40:20 तक।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित #श्रीरामचरितमानस के अनुसार चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि दोपहर 12 बजे प्रभु श्री राम ने जन्म लिया था, आज के दिन त्रेतायुग में भगवान श्री विष्णु जी ने श्री राम रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता।
भगवान राम ने ‘आचार्य देवो भव, मातृ देवो भव, पितृ देवो भव’ का क्रियात्मक रूप से पालन किया हम सभी को अपने आराध्य देव के जीवन से उनका अनुसरण और पालन करना चाहिए।
उनका यह पावन चरित्र-
‘प्रातः काल उठिके के रघुनाथा, मातु-पिता गुरु नावहि माथा।’
नयी पीढ़ी को बड़ों का सत्कार करने की प्रेरणा देता है।
श्री राम नवमी के पावन पर्व हम सभी सनातनी मिलकर अपने घरोँ के आस पास के मंदिरों में जाये , शोभायात्रा निकाले, गली मोहल्ले को भागवामय बनाकर जय श्री राम का उद्घोष कर आज के दिन अपने-अपने घरो की छत और बालकनी से शंख बजाए और भगवा झंडा अवश्य लगाए यही सच्चे सनातनी की पहचान है।
इस वर्ष अयोध्या में श्री नरेंद्र मोदी जी व् माननीय योगी सरकार के माध्यम से प्रभु श्री राम का दिव्य और भव्य जन्मोत्सव पर्व मनाया जा रहा है हमें गर्व होना चाहिए के देश को श्री नरेंद्र मोदी जैसा कोहिनूर मिला है उत्तर प्रदेश को एक ऐसा मुख्यमत्री मिला है जो राम राज पुनः स्थापित कर रहे है।
समस्त हिन्दू समाज को इनका साथ आजीवन मिलते रहना चाहिए।
सभी सनातनी भाई बहनो से प्रार्थना है कि श्री राम नवमी का महापर्व पुरे विश्व में बड़े ही धूमधाम से मनाये।
दिनांक👉🏻17/04 2024
समय👉🏻 दोपहर 12 बजे
स्थान👉🏻समस्त हिंदुस्तान
अगर आपको पसंद आये तो सभी सोशियल मिडिया में अधिक से अधिक शेयर कर संपूर्ण विश्व तक इस बात को पहुचाने में मदद करें।
🚩🚩श्री राम जी की जय🚩🚩
श्री राम स्तुति -भये प्रगट कृपाला
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी |
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ||
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी |
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी ||
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता |
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता ||
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता |
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता ||
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै |
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ||
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै |
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ||
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा |
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा ||
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होई बालक सुरभूपा |
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा ||
श्री राम चंद्र कृपालु भज मन
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
पंडित कौशल पाण्डेय
राष्ट्रीय अध्यक्ष :- श्री राम हर्षण शांति कुञ्ज , भारत
0 टिप्पणियाँ