सोमवती अमावश्या :- पंडित कौशल पाण्डेय

सोमवती अमावश्या 
सोमवार के दिन पड़नेवाली अमावश्या को सोमवती अमावश्या के नाम से जाना जाता है ,अमावश्या तिथि पितरों को समर्पित है और पितरों के आशीर्वाद से ही घर में सुख शांति और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। 

सोमवती अमावश्या पर करे शिव रुद्राभिषेक पाये पितृ दोष/कालशर्प दोष से मुक्ति  
पूजन सामग्री 
गंगा जल ,दूध ,दही ,घी ,शहद ,लाल शक्कर ,5 पान मीठा पान , 14 सुपारी , लोंग , रोली, सफ़ेद चन्दन पावडर ,नारियल का पानी,गन्ने का रस,अनार का रस ,गुलाबजल ,श्रृंगी , 108 बिल्वपत्र, 108 शमी पत्र,भांग, धतूरा, रुई ,इत्र ,पांचमेवा , दीपक, धुप ,कपूर , जनेऊ 2 ,चावल , फूल सफ़ेद -लाल , 5 माला ,
5 वस्त्र , 1 सफ़ेद धोती , साड़ी श्रृंगार का सामान ,2 चांदी या ताम्बे के नाग नागिन का जोड़ा। 

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। इस दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चावल, जल और सफ़ेद पुष्प अर्पित करें साथ ही 'ॐ पितरेभ्यो  नम:' मंत्र का जाप करें। इससे आप पर पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा। 
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव ,सूर्य देव और पीपल के वृक्ष की पूजा करें।






रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-
 
• जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
 • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
 • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
 • लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
 • धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
 • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
 • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
 • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
 • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
 • सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
 • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
 • शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
 • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
 • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
 • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
 • गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
 • पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।


इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी पुराने नियमित रूप से पूजे जाने वाले शिवलिंग का अभिषेक बहुत ही उत्तम फल देता है किंतु यदि पारद के शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो बहुत ही शीघ्र चमत्कारिक शुभ परिणाम मिलता है। रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है। 
 
वेदों में विद्वानों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है। पुराणों में तो इससे संबंधित अनेक कथाओं का विवरण प्राप्त होता है। वेदों और पुराणों में रुद्राभिषेक के बारे में कहा गया है और बताया गया है कि रावण ने अपने दसों सिरों को काटकर उसके रक्त से शिवलिंग का अभिषेक किया था तथा सिरों को हवन की अग्नि को अर्पित कर दिया था जिससे वो त्रिलोकजयी हो गया।
 
भस्मासुर ने शिवलिंग का अभिषेक अपनी आंखों के आंसुओं से किया तो वह भी भगवान के वरदान का पात्र बन गया। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है।
 
ज्योतिर्लिंग क्षेत्र एवं तीर्थस्थान तथा शिवरात्रि प्रदोष, श्रावण के सोमवार आदि पर्वों में शिववास का विचार किए बिना भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है। वस्तुत: शिवलिंग का अभिषेक आशुतोष शिव को शीघ्र प्रसन्न करके साधक को उनका कृपापात्र बना देता है और उनकी सारी समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाती हैं। अत: हम यह कह सकते हैं कि रुद्राभिषेक से मनुष्य के सारे पाप-ताप धुल जाते हैं।
 
स्वयं सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने भी कहा है कि जब हम अभिषेक करते हैं तो स्वयं महादेव साक्षात उस अभिषेक को ग्रहण करते हैं। 
संसार में ऐसी कोई वस्तु, वैभव, सुख नहीं है, जो हमें रुद्राभिषेक करने या करवाने से प्राप्त नहीं हो सकता है।

आइए जानें मौनी अमावस्या के किन उपायों से मिलेंगे जीवन में सभी शुभ फल, पढ़ें 9 सरलतम उपाय... 
1. मौनी सोमवती अमावस्या के दिन चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे। यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।

2. अमावश्या के दिन तिल के दान का महत्व अधिक होने से चतुर्दशी और अमावस्या की तिथि विशेष मानी गई है। पितरों की प्रसन्नता, सद्‌गति तथा पदवृद्धि के लिए काले तिल से तर्पण करना विशेष लाभदायी रहता है। 

3. गाय को आटे में तिल मिलाकर रोटी बनाएं और वह गाय को खिलाने से घर-परिवार में सुख-शांति आएगी साथ ही गाय को भरपेट हरा चारा खिलाये। 

4. शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें। साथ ही दीये में 2 लोंग ,कपूर और थोड़ी सा इत्र भी डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है।

5. लक्ष्मी जी, शिव परिवार को चावल की खीर अर्पित करें धन-संपत्ती से भंडार भरेंगे।

6. इस दिन दूध में अपनी छाया देखकर काले कुत्ते को पिलाएं। इस उपाय से सभी तरह की मानसिक परेशानियां दूर होंगी।

7. सोमवती अमावस्या पर कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें। सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है। 

8. सूखे कुएं में कच्चा दूध डाले , सेहत ठीक रहेगी। रोग कोसों दूर रहेंगे।

9. इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय ॐ नमः शिवाय  करते रहे । इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।

आप सभी को सोमवती अमावश्या की मंगलमय बधाई भगवान महादेव की कृपा आप व आप के परिवार पर बनी रहे ऐसे ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। 

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