विवाह मुहूर्त 2024
सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में करना मंगलमय माना जाता है।ऐसा माना जाता है कि जो भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त के अंतर्गत किया जाता है, वह कार्य सफल होता है। और उस कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है,
विवाह करने के लिए मुहूर्त का चयन करना बेहद आवश्यक होता है बशर्ते उस मुहूर्त में विवाह के फेरे हो जाय ताकि विवाहित जोड़ों को आने वाले भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
आइये जानते है वर्ष 2024 में पड़ने वाले शुभ विवाह मुहूर्त
नवंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024
तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
12 नवंबर 2024, मंगलवार 16ः04 से 19ः10 उत्तर भाद्रपद द्वादशी
13 नवंबर 2024 बुधवार 15:26 से 21:48 रेवती त्रयोदशी
16 नवंबर 2024 शनिवार 23:48 से 17 नवंबर 06:45 रोहिणी द्वितीया
17 नवंबर 2024, रविवार 06:45 से 18 नवंबर 06:46 रोहिणी, मृगशिरा द्वितीया, तृतीया
18 नवंबर 2024, सोमवार 06:46 से 07:56 मृगशिरा तृतीया
22 नवंबर 2024, शुक्रवार 23:44 से 23 नवंबर 06:50 मघा अष्टमी
23 नवंबर 2024, शनिवार 06:50 से 11:42 मघा अष्टमी
25 नवंबर 2024, सोमवार 01:01 से 26 नवंबर 06:53b हस्त एकादशी
26 नवंबर 2024, मंगलवार 06:53 से 27 नवंबर 04:35 हस्त एकादशी
28 नवंबर 2024, गुरुवार 07:36 से 29 नवंबर 06:55 स्वाती त्रयोदशी
29 नवंबर 2024, शुक्रवार 06:55 से 08:39 स्वाती त्रयोदशी
दिसंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024
तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
4 दिसंबर 2024, बुधवार 17:15 से 05 दिसंबर 01:02 उत्तराषाढ़ा चतुर्थी
5 दिसंबर 2024, गुरुवार 12:49 से 17:26 उत्तराषाढ़ा पंचमी
9 दिसंबर 2024, सोमवार 14:56 से 10 दिसंबर 01:06 उत्तर भाद्रपद नवमी
10 दिसंबर 2024, मंगलवार 22:03 से 11 दिसंबर 06:13 रेवती दशमी, एकादशी
14 दिसंबर 2024, शनिवार 07:06 से 16:58 मृगशिरा पूर्णिमा
15 दिसंबर 2024, रविवार 03:42 से 07:06 मृगशिरा पूर्णिमा
विवाह मुहुर्त के लिए शुभ तिथियां, नक्षत्र, योग, करण
आपको बता दें कि विवाह काफी शुभ संस्कार माना जाता है, इसी लिए शुभ मुहूर्त के साथ-साथ शुभ तिथियां भी महत्वपूर्ण होती हैं। चलिए जानते है विवाह के लिए कौम-सा दिन, योग, तिथि, करण शुभ होते हैः
करण: आपको बता दें किकिन्स्तुघना करण, बावा करण, बलवी करण, कौलव करण, तैतिला करण, गारो करण और वनिजा करण विवाह के लिए काफी शुभ माने जाते हैं।
मुहूर्त: आपको बता दें शादी करने के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला का मुहुर्त सबसे शुभ माना जाता है।
तिथि: द्वितीय, तृतीय, पंचमी, सप्तमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि विवाह के लिए शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों में विवाह करना जातक के लिए शुभ होता है।
नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र ( चौथा नक्षत्र), मृगशिरा नक्षत्र ( पांचवा नक्षत्र), मघा नक्षत्र (दसवां नक्षत्र), उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (बारहवां नक्षत्र), हस्त नक्षत्र (तेरहवां नक्षत्र), स्वाति नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र), अनुराधा नक्षत्र (सत्रहवां नक्षत्र), मूल नक्षत्र (उन्नीसवां नक्षत्र), उत्तराषाढ़ नक्षत्र (इक्कीसवां नक्षत्र), उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र (छब्बीसवां नक्षत्र) और रेवती नक्षत्र (सत्ताईसवाँ नक्षत्र)।
दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार इन दिनों को विवाह के लिए काफी अनुकूल माना जाता है। जबकि मंगलवार के विवाह करना शुभ नही माना जाता है। यह दिन विवाह समारोह के लिए उत्तम नहीं होता है।
योग : इसी के साथ विवाह के लिए प्रीति योग, सौभाग्य योग, हर्षण योग अति उत्तम होते है। यह योग जातक के लिए लाभदायक होते है।
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