आज सर्वपितृ अमावस्या है
क्या करें इस दिन कि 16 दिनों का मिल जाए पुण्य फल
दिवंगतों की तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म करने का विधान है। यदि किसी को अपने पितरों की तिथि ज्ञात नहीं है तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या आज 25 सितंबर 2022 रविवार को है। यदि ये कार्य कर लिए तो इस दिन 16 ही दिनों का पुण्य फल मिलता है।*
📿1. पिंडदान दान विधि :- सामान्य विधि के अनुसार पिंडदान में चावल, गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाए जाते हैं और उन्हें पितरों को अर्पित किया जाता है। शास्त्रों में मृत्यु के बाद और्ध्वदैहिक संस्कार, पिण्डदान, तर्पण, श्राद्ध, एकादशाह, सपिण्डीकरण, अशौचादि निर्णय, कर्म विपाक आदि के द्वारा पापों के विधान का प्रायश्चित कहा गया है।
📿2. तर्पण विधि :- जल में काले तिल, जौ, कुशा, सफेद फूल मिलाकर तर्पण किया जाता है। पिंड बनाने के बाद हाथ में कुशा, जौ, काला तिल, अक्षत् व जल लेकर संकल्प करें। इसके बाद इस मंत्र को पढ़े. •“ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये।।'
📿3. ब्राह्मण भोज :- पिंडदान और तपर्ण करने के बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है। ब्राह्मण नहीं हो तो अपने ही रिश्तों के निर्वसनी और शाकाहार लोगों को भोजन कराएं। भांजा या जमाई को भोजन कराएं।
📿4. पंचबलि कर्म | पंचबलि भोजन :- इस श्राद्ध में गोबलि, श्वानबलि, काकबलि, पिपलादिकबलि और देवादिबलि कर्म करें। अर्थात गाय, कुत्ते, कौवे, चींटीं और देवी देवताओं को अन्य अर्पित करें।
📿5. दान दक्षिणा :- किसी गरीब को यथाशक्ति दान दें। ब्रह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा दें। यह नहीं कर सकते हैं तो मंदिर में सीधा या आमान्य दान दें। गौ माताओं को हरा चारा या अनाज खिलाएं यथाशक्ति रविवार के दिन या पूर्णिमा अमावस्या गौशाला जाए
📿6. गीता पाठ :- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गीता के दूसरे और सातवें अध्याय का पाठ करने का विधान भी है।
📿7. पीपल की सेवा | पीपल पूजा :- सर्वपितृ अमावस्या पर पीपल की सेवा और पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें और पीपल की जड़ में अर्पित कर दें। जय ओमकारेश्वर भगवान की नर्मदे हर सब भक्तों की मनोकामना पूर्ण करें
राधे राधे जी*
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