स्त्री जातक के शारीरिक लक्षण

स्त्री जातक के शारीरिक लक्षण 



जिस स्त्री के पैर के तलवे चिकने, मुलायम, पुष्ट, लाल पसीने से रहित हों वह स्त्री जीवन में अत्यधिक सुख भोगती है और मान सम्मान व धन की कमी उसके जीवन में नहीं होती। पादतल रेखा जिस स्त्री के तलवे में शंख, चक्र, कमल इत्यादि चिह्न हों, वह स्त्री विशेषकर किसी बड़े राजनेता व बड़े व्यापारी व उच्च अधिकारी की पत्नी होने का गौरव प्राप्त करती है या किसी भी देश की शासिका बन जाती है। जिस स्त्री की एड़ी में त्रिकोण चिह्न हो वह चतुर और दूसरों को शीघ्रता से समझने वाली होती है। जिस स्त्री की एड़ी में सर्पाकार रेखा हो उसे परेशानी के समय अदृश्य शक्ति की मदद मिलती रहती है।

जैसे कई स्त्रियां कहती हैं कि उनके सारे काम भगवान ही बनाता है या हमेशा ऊपर वाला मुसीबतों से निकालता है। पैर का अंगूठा ऊंचा, मांसल व गोल लाली सहित पैर का अंगूठा स्त्री जातक के लिये अत्यंत सुखकारी है। जिस स्त्री के पैर का अंगूठा ज्यादा लंबा हो उन्हें जीवन में अधिकतर कष्टों व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टखना यदि स्त्री के टखने गोलाकार हों तो वे जातक के लिये अच्छे होते हैं। मांसरहित, सूखे घुटने वाली स्त्रियां अक्सर परेशानियों से घिरी रहती हैं। जांघें जिस स्त्री जातक की जांघें रोमरहित (बाल न हों), गोल, चिकनी, नसविहीन हों वे जीवन में अधिक सुख भोगती हैं।

सूखी जांघों वाली स्त्रियों को अनेक बीमारियों व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नाभि स्त्री की नाभि गहरी हो और अंदर से उठी (गांठ) हुई न हो तो जातक अनेक प्रकार के सुख भोगती है। कांख पतले रोयें वाली, ऊंची, चिकनी मांसल कांखें अत्यधिक शुभ मानी गई हैं। इसके विपरीत नसों वाली व खुरदरी कांखें ज्यादा उत्तम नहीं मानी गई हैं। भुजाएं यदि स्त्री जातक की भुजाएं मांसल, नसों व रोमरहित व सीधी हों तो जातक के लिये अत्यंत शुभ होती हैं। मोटी भुजाएं रोमों से युक्त हों तो उन्हें अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है, पारिवारिक जीवन अशांत रहता है।

जिनकी भुजाओं में नसों का उभार ज्यादा हो तो उन्हें (ल्यूकोरिया) सफेद पानी की शिकायत होने की संभावना ज्यादा होती है। जिह्वा स्त्री जातक की जीभ लाल व कोमल हो तो वह अत्यधिक सुख भोगती है। यदि जातक की जीभ पूर्णतया सफेद रंग की हो तो जल से सावधान रहना चाहिए। बड़ी और चैड़ी जीभ वाली स्त्रियों में आलस अधिक होता है।

नेत्र जिस स्त्री के नेत्र हिरणी जैसे हों, और गाय के दूध के समान सफेद और अंत में ललाई लिए हों तो अत्यंत शुभ होते हैं। जिन स्त्रियों के नेत्र बड़े व सुंदर आकार में होते हैं वे ज्यादा सहनशील होती हैं। जिन स्त्रियों के नेत्र सदा जल से भरे रहते हैं उन्हें मानसिक, शारीरिक परेशानी व धन अभाव से दो चार होना पड़ता है। मस्से व तिल भौंहों के बीच या ललाट में मस्से का होना शुभ माना जाता है। - हृदय पर तिल स्त्री जातकों के लिये सौभाग्यदायक होता है। - बाएं गाल पर लाल मस्सा अक्सर मीठे पदार्थों का सेवन कराता है।

अधिक बालों वाली महिला को भाग्‍यहीन माना गया है। ऐसी स्‍त्री जातकों को अपने जीवन में अधिक संघर्ष देखना पड़ता है। सौभाग्‍यशाली कन्‍याओं की आंखों की पोरों में ललासी होनी चाहिए। हाथ और पैरों के नाखून चिकने और साफ सुथरे होने चाहिए, हथेलियां, पैरों के तलुए और एडी मुलायम एवं चिकने होने चाहिए। 

लोक मान्‍यता में गोरे रंग को तरजीह दी जाती है लेकिन सौभाग्‍यदायी अंग लक्षणों के संबंध में ललासी को तो महत्‍वपूर्ण माना गया है लेकिन कहीं त्‍वचा के रंग का उल्‍लेख नहीं मिलता है। शारीरिक चिह्नों के आधार पर स्‍त्री को पुरुष के लक्षण अलग अलग बताए गए हैं।


- स्त्री जातक की नाभि के नीचे तिल या मस्सा शुभ होता है। 
- जिस स्त्री के गाल, होंठ, कान, नाक या गले पर मस्सा हो तो वह सदैव सुख भोगती है। 
- जिस स्त्री जातक की नाक के अग्रभाग में लाल मस्से का चिह्न हो वह जातिका अत्यंत प्रभावशाली व धनी बनती है। 
- जिस स्त्री के टखने पर मस्सा या तिल हो तो उसे अक्सर धन का अभाव रहता है।
पंडित के एन पाण्डेय (कौशल)+919968550003 ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ

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