प्यासे परिंदो को पानी पिलाने का फल :- पंडित कौशल पाण्डेय 9968550003
इन्शान अपने लिए सभी प्रकार की सुख सुविधाएँ अर्जित कर लेता लेकिन कई ऐसे लोग भी होते है जो इस दुनिया से हट कर जीते है जैसे इन दिनों भीषण गर्मी से कई परिंदों या जानवरों की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। हमारा थोड़ा सा प्रयास घरों के आस-पास उडऩे वाले परिंदों की प्यास बुझा सकता है। साथ ही इन्हें जिंदगी मिल सकती है और भीषण गर्मी में भी इनका भविष्य सुरक्षित रह सकता है।
यह एक ऐसा शुभ कार्य है जिसको करने से और दूसरों को कराने से पुण्य मिलता है आप के भाग्य का निर्माण होता है। जो लोग ऐसे शुभ कार्य करते हैं उनकी 7 पीढ़ियों तक लक्ष्मी मेहरबान रहती इतनी महिमा बताई गई है।
-रोगी और भोगी के लिए जौ और सतनाजा का दान उत्तम रहता है
कर्ज मुक्ति के लिए
जिस इन्शान के ऊपर कर्ज है वो अपनी नाम राशि के अनुसार पदार्थ ले उसे एक मिटटी के बर्तन में रात को भिगोकर सिरहाने रखे और अगले दिन उसे कबूतरों को खिलाये।
गाय को चारा खिलाना :- कई लोग भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए निकालते है और एक रोटी गाय को खिला देते है अपना तो भर पेट भोजन कर लिए और गऊ माता को सिर्फ एक रोटी किसी भी जीव को जब भी भोजन कराओ भरपेट कराओ इससे अच्छा तो कराओ ही न इसलिए गाय को रोटी के साथ हरा चारा या भूस डाले जिससे उसकी भूख मिट सके और आप को उसका पूर्ण फल मिले।
घर में अगर अगर बरक्कत नहीं हो रही है तो करे यह उपाय :-
सवा किलो आंटा ले उसमे घी मिलाकर कड़ाही में भून ले इसके बाद जब वो ठंडा हो जाये तो उसमे लाल शक्कर मिलाये और परिवार के जितने सदस्य है उन सभी का हाँथ लगवाकर उसे किसी जार में रख दे और और परिवार का कोई भी सदस्य रोज 41 तक उस जार से थोड़ा थड़ा आंटा चीटिंयों को खिलाये ऐसा करने अवश्य धन धान्य की वृद्धि होगी।
जिनकी कुंडली में शनि की दशा या शनि की साढ़ेसात्ति चल रही है ऐसे लोग कौवे या कुत्ते को रोटी में सरसों का तेल लगाकर हर शनिवार को खिलाये प्रसिद्धि पाने के लिए मछलियों को और कछुये को चारा डाले , कोई भी उपाय करे उसे लगातार करे घर का कोई भी सदस्य किसी के भी निमित्त उपाय कर सकता है काम से काम 40 या 41 दिन दान करने से सिर्फ एक पीढ़ी का नहीं बल्कि सात पीढिय़ों तक का कल्याण होता है।
प्यासे को पानी पिलाने का फल
सकाम कर्म ऐसे कर्म हैं जिनके फल अवश्य प्राप्त होते हैं। सकाम कर्म अच्छे भी हो सकते हैं और बुरे भी। इनमें से कुछ कर्म तुरन्त फल देने वाले होते हैं, कुछ कर्म बाद में फल देते हैं। बाद में फल देने वाले कर्म, संचित कर्म कहलाते हैं। फल प्राप्ति की आशा से किये गए कर्म ही सकाम कर्म हैं।
कई भाई बहन कहते है हम तो रोज ही उपाय करते है लेकिन कुछ अच्छा नहीं हो रहा है ऐसे लोगो से कहना चाहुगा की जब आपको प्यास लगती है तब आप पानी पी कर अपनी प्यास बुझाते है वैसे ही आपने पानी पिया, आपकी प्यास बुझ गयी। इसमें पानी पीने का कर्म आपने किया और इस कर्म का फल (प्यास बुझाने के रूप में) आपको तुरंत मिल गया।
अगर आप किसी दूसरे प्यासे व्यक्ति या परिंदे को पानी पिलाते है तो आप जानते हैं कि किसी प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाने से अच्छा फल मिलता है। आपने एक प्यासे व्यक्ति या परिंदे को पानी पिलाया। इससे आपको तुरंत कुछ लाभ नहीं मिला। आपका यह कर्म संचित कर्म बन गया और इसका फल आपको भविष्य में मिलेगा।
जब कोई व्यक्ति कर्म करता है मान लीजिये छाया का लाभ लेने और आम का फल खाने के उद्देश्य से एक आम का पौधा लगाता है। पौधारोपण के कई वर्ष बाद यह पौधा बड़ा पेड़ होकर फल देने लायक होगा। वह व्यक्ति इसकी देख-भाल करता रहा किन्तु दुर्भाग्यवश पेड़ पर आम लगने से पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गयी। उस व्यक्ति को पौधा लगाने और उसकी देख-भाल करने में किये गए कर्मों का फल जीवित रहते प्राप्त नहीं हुआ। उस व्यक्ति के ऐसे कर्म संचित कर्म बन जाएंगे और इसका फल उसे अगले जन्म में बिना कर्म किये मिलेगा। ऐसे फलों का मिलना उसका भाग्य होगा।
इसलिए कर्म करते रहिये फल की चिंता न करे आज नहीं तो कल अवश्य इन नेक कार्यों का फल मिलता है
आशा है की आप सब मेरे इस उपाय से अवश्य लाभ प्राप्त करेंगे अधिक जानकारी या कोई भी सुझाव के लिए संपर्क कर सकते है
पंडित कौशल पाण्डेय 09968550003
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