सनातन धर्म में साईं या पीर फ़क़ीर की पूजा क्यों ?
पुरे विश्व में सबसे प्राचीन धर्म है सनातन धर्म और सनातन धर्म से ही सभी धर्मों की उत्पत्ति हुए है यह बात सभी जानते है शिव और शक्ति से ही पूरा विश्व चलता है लेकिन उसके बाद भी लोगो में अंधविश्वास कूट कूट कर भरा हुआ है यहाँ तक की पीर और फकीरों की मूर्ति भी आज मंदिरों में स्थापित कर के देवो के साथ उनकी पूजा कर रहे है जो पतन के रास्ते पर जा रहे है।
भारत में कई ऐसे भी मंदिर और धर्म स्थान है जहाँ पर साईं की मूर्ति को मुर्ख हिन्दू पूज रहे है और उसे अपने घरो में भगवान के समान दर्जा दे रखा है ऐसा करना सनातन धर्म का अपमान करने के बराबर है अतः मंदिरों और घरों से साईं की मूर्ति को उखाड़ फेंको।
भारत में जितने भी पीर फकीरो की मजारे है उनकी वास्तविकता को समझो ये ऐसे दरिंदे थे जो लाखों हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलात्कारी, मूर्ती भंजन दानव को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है।
सलार गाजी हिन्दुओं का "गाजी बाबा" हो गया है और हिंदू वीर शिरोमणि सुहेल देव पासी सिर्फ़ पासी समाज का हीरो बनकर रह गए हैं और सलार गाजी हिन्दुओं का भगवान बनकर हिन्दू समाज का पूजनीय भगवान् हो गया है।
अब गाजी की मजार पूजने वाले, ऐसे हिन्दुओं को मूर्ख और बेग़ैरत ना कहें तो क्या कहें..???
ख्वाजा गरीब नवाज़, अमीर खुसरो, निजामुद्दीन औलिया की दरगाह और हर वीरवार को "पीर बाबा" की कब्र पर अपना सर पटक कर मन्नत मांगने वाले सनातन धर्मी (हिन्दू) लोगों...पूरे देश में स्थान स्थान पर बनी कब्रों, मजारों या दरगाहों पर हर वीरवार को जाकर शीश झुकाने, खील-बताशे बांटने वाले व मन्नत मांगने वालों से कुछ हम कुछ प्रश्न करना चाहते हैं.....
➤ क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चुकी है वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं..??
➤ ज्यादातर कब्र या मजार उन मुसलमानों की हैं जो हमारे पूर्वजों से लड़ते हुए कुत्ते की मौत मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजों का अपमान नहीं हैं जिन्होंने अपने प्राणों से देश व धर्म की रक्षा करते हुए बलि वेदी पर खुद को समर्पित कर दिया था..??
➤ क्या हिन्दुओ के राम, कृष्ण अथवा 33 कोटि के देवी-देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं जो इन तुर्क, मंगोल और अफ़गान के लुटेरों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना तुम्हारे लिए आवश्यक है..??
➤भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गीता में अपने श्री मुख से कहा है की "मुर्दों को पूजने वाला सदा पतित रहता है, 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ भी उसे व उसकी संतति को पवित्र नहीं कर सकते!!" तो मजारों में दुआ मांगने से क्या हासिल होगा..??
➤ ❝ यान्ति देवव्रता देवान्,पितृन्यान्ति पितृव्रताः।
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति,मद्याजिनोऽपिमाम् ।।❞
➤गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि "भूत प्रेत, मुर्दा, पितृ (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र,मजार अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत- प्रेत व पितृ की योनी में ही विचरण करते हैं व उसे ही प्राप्त करते हैं l"
➤ भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता है..?? तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करने वालो, तथा बहन-बेटियों के बलात्कारियों की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं..??
➤ क्या संसार में इससे बड़ी मूर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता है..??
➤ हिन्दू कौनसी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहे हैं जो वेदों- उपनिषदों में नहीं कही गयीं है..??
➤ कब्र, मजार पूजा को हिन्दू मुस्लिम सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या है..??
आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा l अगर आप प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण जी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दें और अन्य हिन्दुओं को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूर करें...
अपने धर्म को जानिए तथा इस अज्ञानता के कुचक्र में से बाहर निकलिए।
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।। जय हिंद ।।
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