हिन्दुओं के लिए साईंबाबा उर्फ़ चाँद मियां की पूजा एक बड़ी साजिस

हिन्दुओं के लिए साईंबाबा उर्फ़ चाँद मियां की पूजा एक बड़ी साजिस :- 



सनातन धर्म सभी धर्मो का सम्मान करता है और सभी धर्मो के तीज त्योहारों में भागीदार भी बनता है यह सनातन धर्म और हिन्दुओं का बड़प्पन है। लेकिन आज मंदिरों में साई की मूर्ति को स्थापित कर के हिन्दू उन्हें भी पूज रहे है यह सनातन धर्म की आस्था पर एक गहरी सोच है।
जिस गीता को भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं अपने श्री मुख से कहा है अगर उनकी भी बात न मानी तो हिन्दू कहलाना बंद कर दे अपने आप को
यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रताः भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपिमाम्
गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मूर्दा (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद भूत-प्रेत ही बनते हैं.

एक मुस्लिम संत चाँद मिया उर्फ़ साईं बाबा जो की लाखो पढ़े लिखे लेकिन मुर्ख हिन्दुओ के द्वारा पूजा जाता है | लाखो पढ़े लिखे हिंदू एक ऐसे मुस्लिम को अंध भक्त होकर पूजते है जिसे हम शिरडी के साईं बाबा के नाम से जानते है| वो संत जो खुद एक मस्जिद में रहता था, सबके सामने कुरान पढता था और एक ही संदेश देता था की मुझे मरने के बाद दफना देना, ना की जला देना, पर अधिकतर मुर्ख लोग उसे समझ नहीं पाए और उसे अपने भगवानो से ऊपर दर्जा देकर एक ऐसे मुर्दे को पूजते है जो स्वयं एक मुसलमान है

सिर्फ यही नहीं यह पाखंडी खुद को हिंदू देवी देवताओं का अंश बताता था स्वयं में नारायण, शिव, कृष्ण और राम जैसे हजारों देवी देवताओं के रूप में खुद की पूजा करवाता था पर हिंदू मुस्लिम एकता की बात जरुर करता था| ये एक पूरी तरह से एकतरफा कार्य है जिसमे सारा बलिदान केवल हिन्दुओ को ही देना पड़ता है जैसे की साईं राम, इस्लाम ग्रहण करना, मुस्लिम लड़के द्वारा हिंदू लड़की से शादी करना, और हिन्दुओ केबड़े धार्मिक स्थलों में मुसलमानों को ऊँचे पड़ देना आदि, और मुर्ख हिंदू इन बातो को मान भी लेता है बिना ये सोचे की परधर्म में जीना और उससे अपनाने पर लोक परलोक कही भी ठिकाना नहीं मिलता| साईं का केवल एक ही उद्देश्य था जो किसी समय अजमेर के मुस्लिम संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिस्ती ने आरम्भ किया था| साईं का कार्य केवल उस परम्परा का निर्वहन करते हुए हिंदू को और मुर्ख बना कर इस्लाम के और समीप लाकर उनका मतांतरण कराना था| आज भी ९०० सालो की इस्लामी गुलामी के बाद हिंदू धर्म कुछ कमजोर अवश्य हुआ है और इसे दूर करने के लिए ऐसे पाखंडियों के पाखंड और षड्यंत्र को मिटाने की आवश्यकता है|

सनातन धर्म में आदि शंकराचार्य ने भारत वर्ष के चार कोनो में चार मठों की स्थापना की थी ! चारों जगद्गुरू शंकराचार्य सनातन धर्म के श्रेष्ठ पुरुष है एवं पूजनीय है !
सभी सनातनियों को शंकाचार्य जी के कथन को मानना चाहिए कई हिन्दू इस बारे में नहीं जानते इसका कारन शंकर्यचार्य प्रचार नहीं करते न कोई दिखावा करते है जिस कारन से कई हिन्दू परिवार सनातन धर्म को जान नहीं जान पते।

हम टीवी पर दिखाए जाने वाले कलियुगी गुरुओं को देखते है और उनमे आस्था भाव रखते है जो की अनुचित नहीं है ! सनातन धर्म का सम्पूर्ण एवं उचित ज्ञान सभी शंकराचार्य के पास ही होता है लेकिन वो लोग इसका प्रचार उचित तरीके से नहीं कर पा रहे है इसलिए अगर टीवी पर दिखाए जाने वाले गुरुओं का कथन यदि शंकराचार्य से अलग हो तो बात शंकराचार्य जी की ही मानी जानी चाहिए !

हिन्दू धर्म में कई वर्षों की कड़ी तपस्या के उपरांत केवल कुछ महापुरुष शंकराचार्य के पद पर प्रतिष्ठित होते है उनका त्याग ,वैराग्य निष्ठा तप अतुलनीय है !
चारों मठों/पीठों में एक परंपरा है जो सहशत्रों वर्षों से चली आ रही है ! क्यूंकि परंपरा का पालन बड़े ही अनुशाशन से होता है !

मेरा सभी सनातनी परिवारों से आग्रह है कि हमे जब भी समय मिले सभी शंकराचार्यों के प्रवचन और ज्ञान की बाते सुनना चाहिए और उनकी बात का अनुकरण करना चाहिए उसका प्रचार प्रसार करना चाहिए।

आज पैसे और अपनी ख्याति के बल पर कुछ स्वयंभू यानि की स्वघोषित शंकराचार्य भी बन रहे है और स्व घोषित गुरु भी बन रहे है ऐसे लोगो से हमें बचना चाहिए इन लोगो को धर्म से कोई मतलब नहीं है सिर्फ अपनी जेब भरना है।
हिन्दुओं को अपने धर्म का उचित ज्ञान न होने के कारन आज रोज नए नए बाबा लोगो का उदय हो गया है जो सिर्फ लोगों अपने भ्रम जाल में फंसाकर खूब कमाई कर रहे है और सनातन धर्म को बदनाम कर रहे है सभी हिन्दू समाज ऐसे बाबाबों का भी बहिस्कार करे।

किसी भी मंदिर में दान किया हुआ पैसा सिर्फ हिन्दू समाज के ही काम आना चाहिए, जिस समाज से या जिस धर्म स्थान से जो फंड आये वह सिर्फ उसी समाज के लोगो के काम आये इस बात का सभी ध्यान रखे।
सभी सच्चे हिन्दू परिवार अपने घरो और मंदिरों से साई उर्फ़ चाँद मिया की फोटो या मूर्ति को बहार कूड़ेदान में फेंके और उसकी पूजा करना बंद करे और जिस घर में या मंदिर में साई की पूजा होती हो उन्हें भी समझाए।

टीवी सीरयल के माध्यम से आज जिस तरह से इस पाखंडी को भगवान का दर्जा दिया जा रहा है उसका बहिस्कार करे अपने सनातनी होने का परिचय दे।
यह सनातन धर्म का अपमान है की हम अपने देवी देवताओं के साथ उस जिहादी चाँद मिया को रख रहे है , अगर आप सच्चे हिन्दू है तो इस नेक कार्य में सहयोग करे.
जय सिया राम

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