शिव शक्ति मंदिर में वृक्षारोपण किया गया

श्री राम हर्षण शांति कुञ्ज सामाजिक संस्था के सौजन्य से उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त श्रीमान संजय कुमार सैन जी के जन्मोत्सव पर्व पर यमुना विहार स्थित शिव शक्ति मंदिर में वृक्षारोपण किया गया। 


इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सैन ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य का जन्म  जो पुलिस अधिकारी के रूप में है वह मानव कल्याण, देश निर्माण, राष्ट्र की सुरक्षा व मानवता के कार्य के लिए हुआ है मानव धर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता व देश के लिए अपनी कर्तव्य निष्ठता व ईमानदारी से बढ़कर कोई कार्य नहीं होता इस अवसर पर वृक्षारोपण करते हुए श्री सैन ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को रोजाना एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए यह पेड़ ही हमारे जीवन का सम्पूर्ण ऑक्सीजन कारक है व कोरोना महामारी के अंत का कारण भी यही पेड़ पौधे है। 



पंडित कौशल पाण्डेय ने बताया की सभी मनुष्यों को अपने जन्मतिथि पर एक फलदार वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ शुद्ध हवा भी मिलती है ,

पंडित कौशल पांडेय ने बताया की ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक नक्षत्र के वृक्षों का उल्लेख शास्त्रों में मिलता है। उपाय की दृष्टि से जो जातक अपने जन्म नक्षत्र के वृक्षों या पौधों को रोपित करता है, अथवा सींचता है, या उनका भरण पोषण करता है, उसकी आयु के साथ ऐश्वर्य व धन धान्य में भी वृद्धि होती है। 

इस प्रकार सरल उपाय करके एक तरफ जहां हम पर्यावरण संरक्षण में सहायता करेंगे वहीं हम भौतिक, अध्यात्मिक तथा परलौकिक लाभ प्राप्त करने के लिए वृक्षारोपण कर अपने तथा समाज व देश के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे होंगे।

नक्षत्र के लिए निर्धारित पेड़-पौधे :-
हमारी संस्कृति में वृक्षों को भगवान के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं हर वृक्ष में किसी न किसी देवता का वास होता है। जैसे पीपल के वृक्ष में तीनों महाशक्ति ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी का वास माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर अपने नक्षत्र के अनुसार किसी वृक्ष को लगाने से आपकी हर इच्छा पूरी होगी। साथ ही धन-धान्य की भी प्राप्ति होगी। मनीषियों ने चंद्रमा की यात्रा मार्ग को 27 भागों में विभाजित किया है। प्रत्येक सत्ताईसवें भाग में पड़ने वाले 'तारामंडल' के बीच कुछ विशिष्ट तारों का परिचय कर उन्हें नक्षत्रों की संज्ञा दी है। इस प्रकार नवग्रह तथा 27 नक्षत्रों की पहचान की है।

किसी व्यक्ति के जन्म के समय, चंद्रमा धरती से जिस नक्षत्र की परछाई में रहता है। वह उस व्यक्ति का जन्म-नक्षत्र कहलाता है। इस प्रकार अपने जन्म-नक्षत्र को जानकर उस वृक्ष को पहचानिए जिसका सेवन आपके लिए वर्जित है। अत: जन्म-नक्षत्र से संबंधित वृक्ष का सेवन नहीं, सेवा करनी चाहिए। नक्षत्रों के अलावा आप विशेष सिद्धि या अपनी इच्छा प्राप्ति के लक्ष्य से भी वृक्षों का चुनाव कर सकते हैं। जानिए नक्षत्र के हिसाब से किन वृक्षों को लगाने से होगी हर इच्छा पूरी। हो सके तो अपने जन्म-नक्षत्र के पौधे घर में लगाकर उसे सींचे। ऐसा करना हित में होगा। इससे निरोगी, स्वस्थ और संपन्न रहेंगे। जन्म-नक्षत्र से संबंधित वे वृक्ष और वृक्ष-फल जिनका तोडना नहीं, सींचना लाभकारी है।

नक्षत्र वृक्षों के नाम इस प्रकार है...... 

1- अश्विनी - केला, आक, धतूरा
2- भरणी - केला, आंवला 
3- कृतिका - गूलर 
4- रोहिणी - जामुन 
5- मृगशिरा - खैर 
6- आर्द्रा - आम, बेल 
7- पुनर्वसु - बांस
8- पुष्य - पीपल 
9- आश्लेषा - नाग केसर या चन्दन
10- मघा - बड़
11- पूर्वा फाल्गुनी - ढाक 
12- उत्तरा फाल्गुनी - बड़ / पाकड़ 
13- हस्त - रीठा
14- चित्रा - बेल 
15- स्वाति - अर्जुन 
16- विशाखा - नीम 
17- अनुराधा - मौलसिरी 
18- ज्येष्ठा - रीठा 
19- मूल - राल वृक्ष 
20- पूर्वा षाढा - मौलसिरी या जामुन 
21- उत्तरा षाढा - कटहल 
22- श्रवण - आक 
23- धनिष्ठा - शमी या समर 24- शतभिषा - कदम्ब 
25- पूर्वा भाद्रपद - आम 
26- उत्तरा भाद्रपद- पीपल / सोनपाठा
27- रेवती- महुआ 

यदि किसी जातक को उनके नक्षत्र के पौधे नहीं मिल रहे हैं तो उसे आम, पीपल, बड़, गुलर, जामुन जैसे सर्वमान्य वृक्षों की सेवा करनी चाहिए। किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से पूछ कर वह इनमे से किसी पेड़ की परिक्रमा या पूजा कर सकता है।

ग्रह, राशि, नक्षत्र के लिए निर्धारित पेड़ पौधे का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है, तत्पश्चात हमारी मनोकामनायें शनै शनै पूरी होती है ।

इस अवसर पर आचार्य प्रभुनाथ पाण्डेय, राहुल दीक्षित,ताराचंद उपाधयाय,शशि शेखर सिंह,ज्योतिषाचार्य कौशल पाण्डेय , राजकुमारी ,माधुरी ,कृष्णा उपाधयाय आदि 

पंडित के एन पाण्डेय (कौशल)+919968550003 ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ