ना मैं ईसाई ना तुम ईसाई फिर किसलिए नकली क्रिसमस की बधाई ?

ना मैं ईसाई ना तुम ईसाई
फिर किसलिए नकली क्रिसमस की बधाई ?


जिसे अपने सच्चे सनातनी हिन्दू होने पर गर्व नही है वही लोग दूसरे धर्मो का त्यौहार मनाते है।
जो कट्टर हिन्दू होते है वह सिर्फ विश्व के सबसे प्राचीन धर्म सनातन धर्म के अनुसार ही चलते है।
क्यों न हम अपनी संस्कृति का प्रचार करे आओ आज 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनायें ।
भारतीय संस्कृति को अपनाये नकली पेड़ के बजाय जीवनदायनी तुलसी के असली पौधे की पूजा करे .

#न तुम ईसाई न मैं ईसाई, फिर किस बात की बधाई भाई...
❌
आओ हम हिन्दु मिलकर मनाएं तुलसी पूजन दिवस भाई..!✔️

अपनी सनातन संस्कृति सभ्यता और राष्ट्र को बचाने के लिए, आप सभी को अपने सनातन धर्म के प्रति कट्टर होना पड़ेगा।
धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात तुम धर्म की रक्षा करो धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा
व्हाट्सअप फ़ेसबुक ट्विटर आदि सोसल साइटों पर 25 दिसंबर को क्रिसमस के बजाए तुलसी पूजन दिवस मनाने का आह्वान कर रहे हैं.
भारत में हर वर्ष 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक आज जिस तरह से पश्चिमी सभ्यता का बोलबाला हो रहा है और युवा वर्ग शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य करते है . स्कूलों में हिन्दू बच्चो को जबरजस्ती सांता आदि बनाने भार थोपा जाता है इसका बहिस्कार करे।

आप सभी सनातनी आह्वान करे कि 25 दिसंबर से एक जनवरी तक तुलसी-पूजन, गौ-पूजन, गौ-गीता-गंगा जागृति यात्रा के साथ सत्संग आदि कार्यक्रम आयोजित करे जिससे बच्चो को सनातनी संस्कार मिले।

भारत में ईसाई मिसनरी जगह जगह हिन्दुओ को प्रलोभन दे कर धर्म परिवर्तन करा रही ही इसका एक कारण छोटे बच्चो को सनातनी संस्कारों से वंचित करा कर ईसाई स्कूलों में पढ़ाना , अंग्रेजी शिक्षा का बोझ डालना भी है और बच्चे पढ़ लिख कर माता पिता को भूल जा रहे है और विदेशों में जा कर बस जा रहे है

"आप सभी विश्व के प्राचीन धर्म सनातन धर्म से है आप के पास शिव और शक्ति है, आप सभी कर कर्तब्य बनता है की सभी हिन्दू परिवार को एक कर के रखे , हिंदू परिवारों में ईसाई मिशनरी के आगमन का अर्थ वेशभूषा, तौर-तरीके, भाषा, खान-पान में परिवर्तन के कारण परिवार का विघटन है।

आशा है आप सभी सनातनी क्रिश्मस का बहिस्कार कर के आज के दिन तुलसी पूजन दिवस मनाएंगे और अपने बच्चो को सनातन संस्कृति के बारे में बतायेगे।

पंडित कौशल पाण्डेय
राष्ट्रीय महसचिव
श्री राम हर्षण शांति कुञ्ज ,भारत

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