कार्तिक पूर्णिमा :-पंडित कौशल पाण्डेय
भगवान विष्णु को प्रिय कार्तिक मास की पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को है साथ ही आज के दिन चंद्र ग्रहण भी रहेगा ग्रहण लगने से पानी से सम्बंधित रोग बढ़ेंगे अतः सभी सावधानी बरते।
खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण 28-29, अक्टूबर 2023,
खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण अक्टूबर 28, 2023, शनिवार
यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक और ग्रहण के निमित्त किए जाने वाले अनुष्ठान, सावधानियां आदि पालन करने की आवश्यकता रहेगी।
ग्रहण का सूतक-
चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर ( 9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालकक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
सूतक प्रारंभ हो जाने बाद (बच्चों वृद्ध व रोगियों को छोड़कर) धार्मिक जनों को भोजन आदि नहीं करना चाहिए।
सूतक के दौरान जप, तप करना लाभकारी होता है। वहीं, सभी राशियों पर चंद्रग्रहण का अलग-अलग प्रभाव पड़ रहा है।
ग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करने वाले उपाय
👉🏻 कार्तिक मास को पुण्य मास माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप एवम ताप का शमन होता है।
👉🏻 इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है, जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुनःप्राप्त होता है।
👉🏻 शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पुर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवम धर्म स्थान में जैसे, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
👉🏻 कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए।
☆ इस दिन स्नान करते समय पहले हाथ पैर धो लें
☆ तदोपरान्त आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करें,
☆ इसी प्रकार दान देते समय में हाथ में जल लेकर दान करें।
☆ आप यज्ञ तथा जप कर रहे हैं तो पहले संख्या का संकल्प कर लें बाद में जप व यज्ञादि कर्म करें।
कार्तिक स्नान पर गंगा स्नान क्यों ?
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👉🏻 कार्तिक मास में सारे देवता जलाशयों में छिपे होते हैं।
👉🏻 भगवान श्रीहरि भी पाताल में निवास करते हैं।
👉🏻 इस तिथि पर गंगा स्नान से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ एवम सौ वाजस्नेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
👉🏻 वर्षपर्यन्त के गंगास्नान एवम पूर्णिमा स्नान का फल प्राप्त होता है।
👉🏻 ऐसी मान्यता यह भी है कि इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में वृषदान अर्थात बछड़ा दान करने से शिवपद की प्राप्ति होती है।
👉🏻 जो व्यक्ति इस दिन उपवास करके देवाधिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ का भजन तथा गुणगान करता है, उसे 'अग्निष्टोम' नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
👉🏻 रात्रि के समय विधि—विधान से भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा करें।
👉🏻 सत्यनारायण भगवान की कथा आयोजन कर ब्राहाम्ण के मुख से सुनें एवम अन्य को भी सम्मिलित कर सुनवायें।
👉🏻 भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती उतारने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें।
👉🏻 घर के अंदर तथा बाहर दीपक दीपक प्रज्ज्वलित करें।
👉🏻 घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरण करें।
👉🏻 इस दिन दान करना अत्यन्त ही शुभ माना जाता है। किसी ब्राह्मण अथवा निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं व यथाशक्ति दान एवम भेंट देकर विदा करें।
👉🏻 चावल, जौ, सफ़ेद तिल, मौसमी फल, लौकी में छिपाकर चाँदी का सिक्का दान करना चाहिए।
👉🏻 कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर दीपदान करना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।
👉🏻 इस दिन क्षीर सागर दान का अनन्त माहात्म्य है। क्षीर सागर का दान 24 अंगुल के बर्तन में दूध भरकर उसमें स्वर्ण अथवा रजत निर्मित मछली छोड़कर किया जाता है। यह उत्सव दीपावली की भांति दीप जलाकर सायंकाल मनाया जाता है।
कुंडली के दोष निवारण हेतु उपाय
👉🏻 कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को तुलसी माला एवम गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होंगी।
👉🏻 वहीं देवाधिदेव महादेव भगवान के लिङ्ग को धतूरे का फल तथा भांग चढ़ाने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।
👉🏻 काले तिल के तेल स्नान से शनि दोष से राहत मिलती है।
🔊 कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान करने से शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। खासकर शनि की साढ़े साती, ढैय्या में। साथ ही साथ कुंडली में पितृ दोष, गुरु चंडाल दोष, नंदी दोष की स्थिति में शांति मिलती है तथा दोषों का शमन होता है।)
ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ
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