#दीपावली पूजा मुहूर्त 2023:-पंडित कौशल पाण्डेय


#दीपावली पूजा मुहूर्त 2023:-पंडित कौशल पाण्डेय 



DEEPAWALI POOJA MUHURT 2022




महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी ।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।
शुभम करोति कल्याणम,अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,दीपःज्योति नमोस्तुते !
ॐ श्री लक्ष्मी,लज्जे,महाविद्ये, श्रद्धये पुष्टी स्वधे धुर्वे |
महारात्रि     महाविद्ये     नारायाणि     नमोस्तुते ||
पद्मानने पद्मिनि पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि।
विश्वप्रिये विश्वमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधत्स्व॥
जय हो विष्णुप्रिया श्री वैभवलक्ष्मी माता की जय,

दीपावली पूजा मुहूर्त 2023 

लक्ष्मी पूजा रविवार, नवम्बर 12, 2023 
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 05:39 पी एम से 07:35 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 56 मिनट्स
प्रदोष काल - 05:29 पी एम से 08:08 पी एम
वृषभ काल - 05:39 पी एम से 07:35 पी एम
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 12, 2023 को 02:44 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - नवम्बर 13, 2023 को 02:56 पी एम बजे

निशिता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 11:39 पी एम से 12:32 ए एम, नवम्बर 13
अवधि - 00 घण्टे 53 मिनट्स
निशिता काल - 11:39 पी एम से 12:32 ए एम, नवम्बर 13
सिंह लग्न - 12:10 ए एम से 02:27 ए एम, नवम्बर 13

चौघड़िया पूजा मुहूर्त
दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 02:44 पी एम से 02:47 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 05:29 पी एम से 10:26 पी एम
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 01:44 ए एम से 03:24 ए एम, नवम्बर 13
उषाकाल मुहूर्त (शुभ) - 05:03 ए एम से 06:42 ए एम, नवम्बर 13

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा की विधि

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान हो, वहां वे अंश रूप में ठहर जाती हैं इसलिए दिवाली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। पूजन के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1.  दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।
2.  पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या दीवार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं। चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।
3.  माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।
4.  इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।
5.  महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर करना चाहिए।
6.  महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।
7.  पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।

दिवाली पर क्या करें?

1.  कार्तिक अमावस्या यानि दीपावली के दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती है।
2.  दिवाली के दिन वृद्धजन और बच्चों को छोड़कर् अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं करना चाहिए। शाम को महालक्ष्मी पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
3.  दीपावली पर पूर्वजों का पूजन करें और धूप व भोग अर्पित करें। प्रदोष काल के समय हाथ में उल्का धारण कर पितरों को मार्ग दिखाएं। यहां उल्का से तात्पर्य है कि दीपक जलाकर या अन्य माध्यम से अग्नि की रोशनी में पितरों को मार्ग दिखायें। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4.  दिवाली से पहले मध्य रात्रि को स्त्री-पुरुषों को गीत, भजन और घर में उत्सव मनाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में व्याप्त दरिद्रता दूर होती है।


आपको एवं आपके परिवार को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं,यह दीपोत्सव आपके जीवन को सुख,समृद्धि ,शांति,सौहार्द,एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करे , ईश्वर से  प्रार्थना है कि वह वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए। 
हार्दिक शुभकामनायें.

पंडित के एन पाण्डेय (कौशल)+919968550003 ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ