वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा की शुभता के उपाय :- कौशल पाण्डेय 09968550003
जन्म कुंडली में चन्द्र को मन और माता का कारक माना गया है यह कर्क राशी का स्वामी है ,चन्द्रमा के मित्र ग्रह सूर्य और बुध है. चन्द्रमा किसी ग्रह से शत्रु संबन्ध नहीं रखता है. चन्द्रमा मंगल, गुरु, शुक्र व शनि से सम संबन्ध रखते है. चन्द्र वृ्षभ राशि में शुभ और वृ्श्चिक राशि में होने पर नीच का हो जाता है. ,चन्द्र ग्रह उत्तर-पश्चिम दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है. चन्द्र का भाग्य रत्न मोती है. चन्द्र ग्रह का रंग श्वेत, चांदी माना गया है. चन्द्र का शुभ अंक 2, 11, 20 है.
जन्म कुंडली में चन्द्रमा यदि अपनी ही राशि में या मित्र, उच्च राशि षड्बली ,शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो चन्द्रमा की शुभता में वृद्धि होती है. जन्म कुण्डली में चंद्रमा यदि मजबूत एवं बली अवस्था में हो तो व्यक्ति समस्त कार्यों में सफलता पाने वाला तथा मन से प्रसन्न रहने वाला होता है. पद प्राप्ति व पदोन्नति, जलोत्पन्न, तरल व श्वेत पदार्थों के कारोबार से लाभ मिलता है.
चन्द्र का प्रभाव :- यह शरीर में बाईं आंख, गाल, मांस, रक्त बलगम, वायु, स्त्री में दाईं आंख, पेट, भोजन नली, गर्भाशय, अण्डाशय, मूत्राशय. चन्द्र कुण्डली में कमजोर या पिडित हो, तो व्यक्ति को ह्रदय रोग, फेफडे, दमा, अतिसार, दस्त गुर्दा, बहुमूत्र, पीलिया, गर्भाशय के रोग, माहवारी में अनियमितता, चर्म रोग, रक्त की कमी, नाडी मण्डल, निद्रा, खुजली, रक्त दूषित होना, फफोले, ज्वर, तपेदिक, अपच, बलगम, जुकाम, सूजन, जल से भय, गले की समस्याएं, उदर-पीडा, फेफडों में सूजन, क्षयरोग. चन्द्र प्रभावित व्यक्ति बार-बार विचार बदलने वाला होता है.
चन्द्रमाँ का दान वस्तु :- चावल, दूध, चांदी, मोती, दही, मिश्री, श्वेत वस्त्र, श्वेत फूल या चन्दन. इन वस्तुओं का दान सोमवार के दिन सायंकाल में करना चाहिए. जिनकी कुंडली में चन्द्र अशुभ हो ऐसे लोग चंद्र की शुभता लेने के लिए माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों का आशीर्वाद ले
प्रथम भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- वट बृक्ष की जड़ में पानी डालें.
2:- चारपाई के चारो पायो पर चांदी की कीले लगाऎं
3:-शरीर पर चाँदी धारण करें.
4:-व्यक्ति को देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए। रात्रि के समय घूमने-फिरने तथा यात्रा से बचना चाहिए।
5:-पूर्णिमा के दिन शिव जी को खीर का भोग लगाएँ,
द्वितीय भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- मकान की नीव में चॉदी दबाएं.
2:- माता का आशीर्वाद लें.
तृतीय भाव में स्थित चन्द्रमा का उपाय
1:- चांदी का कडा धारण करें.
2: पानी ,दूध, चावल का दान करे़.
चतुर्थ भाव में स्थित चन्द्रमा का उपाय
1:- चांदी, चावल व दूध का कारोबार न करें.
2:- माता से चांदी लेकर अपने पास रखे व माता से आशिर्वाद लें.
3:-घर में किसी भी स्थान पर पानी का जमाव न होनें पाए।
पचंम भाव में स्थित चन्दमा के उपाय
1:- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
2:- बेईमानी और लालच ना करें, झूठ बोलने से परहेज करें.
3:-11 सोमवार नियमित रूप से 9 कन्यावों को खीर का प्रसाद दें।
4:- सोमवार को सफेद कपडे में चावल, मिशरी बांधकर बहते पानी में प्रवाहित करें.
छटे भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- श्मशान में पानी की टंकी या हैण्डपम्प लगवाएं.
2:- चांदी का चोकोर टुकडा़ अपने पास रखें.
3:- रात के समय दूध ना पीयें.
4:- माता -सास की सेवा करें.
सप्तम भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- पानी और दूध का व्यापार न करें.
2:- माता को दुख ना पहुचाये.
अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1) श्मशान के नल से पानी लाकर घर मे रखें.
2) छल-कपट से परहेज करें.
3) बडे़-बूढो का आशीर्वाद लेते रहें.
4) श्राद्ध पर्व मनाते रहे.
5) कुएं के उपर मकान न बनाएं.
6) मन्दिर में चने की दाल चढायें.
7) व्यभिचार से दूर रहे.
नवम भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- धर्म स्थान में दूध और चावल का दान करे
2:- मन्दिर में दर्शन हेतु जाएं.
3:-बुजुर्ग स्त्रियों से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
दशम भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- रात के समय दूध का सेवन न करें.
2:- मुफ्त में दवाई बांटें.
3:- समुद्र, वर्षा या नदी का पानी घर में रखें.
एकादश भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- भैरव मन्दिर में दूध चढायें.
2:- सोने की सलाई गरम करके उसको दूध में ठण्डा करके उस दूध को पियें.
3:- दूध का दान करें.
द्वादश भाव में स्थित चन्द्रमा के उपाय
1:- वर्षा का पानी घर में रखें.
2:- धर्म स्थान या मन्दिर में नियमित सर झुकाए .
क्या न करें :-
ज्योतिषशास्त्र में जो उपाय बताए गये हैं उसके अनुसार चन्द्रमा कमज़ोर अथवा पीड़ित होने पर व्यक्ति को रात्रि में दूध नहीं पीना चाहिए. सफ़ेद वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए और चन्द्रमा से सम्बन्धित रत्न नहीं पहनना चाहिए.
जब चन्द्र की दशा में अशुभ फल प्राप्त हो तो चन्द्रमा के मन्त्रों का जाप करे या जाप कराये :-
चन्द्रमाँ का बीज मंत्र है :- ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम: (जप संख्या 11000)
चन्द्रमाँ का वैदिक मंत्र है :-
” ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम । भाशिनं भवतया भाम्भार्मुकुट्भुशणम।। ”
अधिक जानकारी के लिए जन्पत्रिका के साथ मिले या संपर्क करे :- पंडित कौशल पाण्डेय
ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ
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