लाल किताब के अनुसार दान केसे करे?

लाल किताब के अनुसार ग्रहों के दान और उनके सरल उपाय :- कौशल पाण्डेय 
#Lal Kitab



नोट :- कृपया कुंडली में अशुभ ग्रहों से सम्बंधित ही दान करे शुभ ग्रहों से सम्बंधित वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए ..
लाल किताब के अनुसार खराब ग्रहों के दुष्प्रभावों से मुक्ति के लिए निम्न वस्तुओं का दान करना चाहिए। 

सूर्य- तांबा, गेहूं व गुड़। 
चंद्र- चावल, दूध, चांदी या मोती। 
मंगल- मूंगा, मसूर दाल, खांड, सौंफ। 
बुध- हरी घास, साबुत मूंग, पालक। 
गुरु- केसर, हल्दी, सोना, चने की दाल का दाल। 
शुक्र- दही, खीर, ज्वार या सुंगधित वस्तु। 
शनि- साबुत उड़द, लोहा, तेल या तिल । 
राहु- सिक्का, जौ या सरसों। 
केतु- केला, तिल या काला कंबल। 

ग्रहों के अन्य उपाय ऊपर लिखित उपायों के अतिरिक्त ग्रहों के दुष्प्रभावों के और भी अनेक सामान्य उपाय जिनका विवरण यहां प्रस्तुत है। 

सूर्य- बहते पानी में गुड़ बहाएं, प्रत्येक कार्य मीठा खा कर व जल पी कर करें, सूर्यकाल में संभोग न करें, कुल रीति रिवाजों को मानें, सूर्य की वस्तुएं बाजरा आदि मुफ्त में न लें, अंधों को भिक्षा दें, पीतल के बर्तनों का उपयोग करें और सफेद टोपी पहनें। 

चंद्र- चांदी के बर्तन में दूध या पानी पीएं, सोने को आग में लाल कर दूध से बुझाएं व दूध पीएं, चारपाई के पायों पर तांबे की कील गाड़ें, समुद्र में तांबे का पैसा डालें, शिवजी को आक के फूल चढ़ाएं, सफेद कपड़े में मिश्री व चावल बांधकर बहाएं, वटवृक्ष में पानी डालें, दूध का व्यापार न करें, श्मशान का पानी घर लाकर रखें और रात को दूध न पीएं। 

मंगल- बुआ या बहन को लाल कपड़े दें, भाई की सहायता करें, रेवड़ियां बताशे पानी में बहाएं, आग से संबंधित काम करें, मीठी तंदूरी रोटी कुŸो को डालें, तीन धातुओं की अंगूठी पहनंे, चांदी गले में पहनें, मसूर की दाल पानी में बहाएं, नीम का पेड़ लगाएं, रोटी पकाने से पहले तवे पर पानी के छींटे दें, जंग लगा हथियार घर में न रखें, काने, गंजे या काले व्यक्ति से दूर रहें, और दूध वाला हलवा खाएं। 

बुध- नाक छेदन न करंे, तांबे का पैसा गले में डालें, कच्चा घड़ा जल में बहाएं, चांदी व सोने की जंजीर पहनें, किसी साधु से ताबीज न लें, मिट्टी के बर्तन को शहद से भर कर वीराने में दबाएं, पक्षियों की सेवा करें, गाय को हरी घास दें, बार-बार न थूकें, वर्षा का पानी छत पर रखें, साली को साथ न रखें, साझा काम न करें और ढाक के पत्तों को दूध से धोकर वीराने में दबाएं। 

गुरु- मंदिर में 43 दिनों तक बादाम अर्पित करें, गंधक जल में बहायें, केसर पानी में बहाएं, नीले कपड़े में चना बांध कर मंदिर में दें, वायदा निभाएं, ईष्र्या से बचें, पीपल न काटें, हल्दी व केसर का तिलक करें, पत्नी से गुरु का व्रत रखवाएं, परस्त्री गमन न करें। .

शुक्र- गंदे नाले में 43 दिनों तक नीला फूल डालें, स्त्री का सम्मान करें, प्रेम व ऐयाशी से दूर रहें, किसी की जमानत न दें और कांसे के बर्तन का दान दें। 

शनि- प्रातःकाल कौओं को रोटी डालें, शराब व मांस का सेवन न करें, लोहे का दान दें, सुनसान जगह पर सुरमा दबाएं, वे चिमटे या अंगीठी का दान दें। 

राहु- बहते पानी में नारियल बहाएं, हाथी के पांव की मिट्टी कुएं में डालें, संयुक्त परिवार में रहें, पत्नी के साथ फिर फेरे लें, रसोई में बैठकर खाना खाएं, ससुराल से संबंध न बिगाड़ें, भाई बहन का बुरा न करें, सिर पर चोटी रखें और रात को तकिये के नीचे सौंफ व चीनी रखें। 

केतु- केसर का तिलक लगाएं, कुŸाा पालें, तिल का दान करें, परस्त्री गमन न करें, मकान की नींव में शहद दबाएं, काला व सफेद कंबल मंदिर में दान दें, पैरों के अंगूठों में चांदी पहनें, चाल-चलन ठीक रखें, गले में सोना पहनें, बायंे हाथ में सोने की अंगूठी पहनें। 

उपायों से पूर्व उपाय विभिन्न ग्रहों के विभिन्न उपाय करने से पहले निम्नलिखित उपाय अवश्य करें। शाकाहारी भोजन करें, विधवाओं और अतिथियों की सेवा करें, माता पिता का आदर करें, किसी को अपशब्द न कहें, दिन में संभोग न करें, देवी देवताओं की पूजा करें, ससुराल के सदस्यों का सम्मान करंे, शराब न पीएं, टूटे बर्तन घर में न रखें, घर में एक कच्ची जगह अवश्य रखें, प्रतिदिन बड़ों से आर्शीर्वाद लें और परस्त्री गमन न करें।

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