राहुकाल में शुभकार्य करना वर्जित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह समय क्रुर ग्रह राहु के नाम से है जो पाप ग्रह माना गया है। इसलिए इस समय में जो भी कार्य किया जाता है वो पाप ग्रस्त हो जाता है और असफल हो जाता है।
रविवार को शाम 04:30 से 06 बजे तक राहुकाल होता है।
सोमवार को दिन का दूसरा भाग यानि सुबह 07:30 से 09 बजे तक राहुकाल होता है।
मंगलवार को दोपहर 03:00 से 04:30 बजे तक राहुकाल होता है।
बुधवार को दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक राहुकाल माना गया है।
गुरुवार को दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक का समय यानि दिन का छठा भाग राहुकाल होता है।
शुक्रवार को दिन का चौथा भाग राहुकाल होता है। यानि सुबह 10:30 बजे से 12 बजे तक का समय राहुकाल है।
शनिवार को सुबह 09 बजे से 10:30 बजे तक के समय को राहुकाल माना गया है।
कई बार हम कही घर से बहार जाते है और हमें बिना कारन ही परेशानी होती है , वो दिशा शूल होता है , आप अपनी यात्रा को सुखद पूर्वक और मंगलमय बनाने के लिए ये उपाय करे
- सोमवार और शनिवार को पूर्व (East) दिशा
रविवार और शुक्रवार को पश्चिम (West) दिशा
मंगल वार और बुधवार को उत्तर (North( दिशा
गुरु वार को दक्षिण (South) दिशा
सोमवार और गुरूवार को (अग्ने ) south east रविवार और शुक्रवार को (नेतरअगये ) south west मंगलवार को (वायवे ) north west बुध और शनि को (ईशान ) north east दिशा शूल होता है| अर्थात इस दिन इन दिशायो की और यात्रा नहीं करनी चाहिए|बुध को उत्तर दिशा का स्वामी होते हुए भी बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा निषिद है|
दिशा शूल से बचा जा सकता है और आप अपनी यात्रा को मंगलमय बना सकते है|
रविवार = दलिया और घी खा करे जाये .
सोमवार = दर्पण देख कर जाये .
मंगलवार = गुड खा कर जाये .
बुधवार = धनिया या तिल खा कर जाये .
वीरवार = दही खा कर जाये .
शुक्रवार = जों खा कर जाये .
शनिवार = अदरक या उड़द खा कर जाये .
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