क्यों किया जाता है गणेश जी का विसर्जन
मंगल मूर्ति मोरया को श्री गणेश चतुर्थी के दिन घर में स्थापित किया जाता है, दस दिनों तक उनकी पूजा-आराधना की जाती है,श्री गणेश को 56 प्रकार के तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं और पूरे 10 दिन गणेश उत्सव के बाद धूमधाम के साथ गणेश जी को 9 सितंबर अनंत चतुर्दशी के दिन जल में विसर्जित कर दिया जायेगा,
इस बार बप्पा को विसर्जित करने का दिन अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। कहते हैं कि बप्पा का विसर्जन ये कहते हुए किया जाता है कि बप्पा अगले साल फिर आना. जिस तरह घर पर गणपति की स्थापना करने के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है उसी प्रकार बप्पा का विसर्जन के लिए भी शुभ मुहूर्त का इंतजार करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि अगर शुभ मुहूर्त में ही बप्पा का विसर्जन किया जाए, तो शुभ होता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं गणेश जी का विसर्जन क्यों किया जाता है?
इसकी एक पौराणिक कहानी है।
रिद्धि सिद्धि के स्वामी श्री गणेश जी को श्री वेद व्यास जी महाभारत की कथा सुनाना गणेश चतुर्थी से शुरू किया था।
वेद व्यास जी कथा सुना रहे थे और गणपति बप्पा उसे लिख रहे थे। कथा सुनाते समय वेद व्यास जी ने अपने नेत्र बंद कर लिए। वो 10 दिन तक कथा सुनाते गए और बप्पा उसे लिखते गए।
लेकिन जब दस दिन बाद वेद व्यास जी ने अपने नेत्र खोले तो देखा कि गणपति जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था।
वेद व्यास जी ने श्री गणेश जी का शरीर ठंडा करने के लिए ही उन्हें जल में डुबा दिया जिससे उनका शरीर ठंडा हो गया।
कहा जाता है कि उसी समय से यह मान्यता चली आ रही है कि गणेश जी को शीतल करने के लिए ही गणेश विसर्जन किया जाता है।
भगवान गणपति के साधक श्री गणेश जी को अपने घर में 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन और 10 दिन तक रखते हैं. इसके बाद उन्हें समुद्र नदी या तालाब में विसर्जित कर देते है।
विसर्जन से पहले रखे इन बातों का ध्यान
श्री गणेश जी को जिस दिन विदा करना है, उस दिन उनका परिवार और इष्टमित्रों के साथ पूजन और आरती करें.
श्री गणेश को मोदक और लड्डू का भोग अर्पित करे और प्रसाद बांटें.
ॐ श्री गणेशाय नमः व स्वस्तिवाचन पाठ करें.
लकड़ी के आसान पर लाल पीला आसान बीछा कर शुद्धिकरण करने के बाद उस पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर अक्षत रख कर 4 सुपारी रखे और अबीर गुलाल फूल माला से आसान को सजाकर श्री गणेश जी को उस पर स्थापित करे.
भगवान गणपति को विसर्जित करने से पहले एक बार फिर आरती करें. उनसे अपनी मन्नत मांगे और अपनी गलतियों की माफी मांगे.
घर के सदस्य प्रतिमा को अपने सर पर उठाकर श्री गणेश के 21 नामो का जयकारा लगाते हुए समुद्र नदी या विसर्जन स्थान तक प्रस्थान करे।
ध्यान रहे कि गणेश जी को प्रतिमा को पानी में फेंका नहीं जाता, उन्हें आदर के साथ समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे जल प्रवाह करे .
श्री गणेश विसर्जन में क्या सावधानी बरते ?
कोरोना काल को देखते हुए अधिक भीड़भाड़ से बचे।
दो गज की दुरी मास्क है जरुरी का पालन करे।
समुद्र या नदी के किनारे चिन्हित स्थानों पर ही गणेश विसर्जन करे।
अधिक गहरे पानी में जाने से बचे।
किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करे।
विसर्जन के उपरांत श्री गणेश प्रतिमा का न हो अपमान इस बात का सभी भक्त अवश्य ध्यान रखे
सरकार के निर्दोषो का पालन करे अपने साथ दूसरों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे।
ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ
राष्ट्रीय अध्यक्ष -श्री राम हर्षण शांति कुंज,दिल्ली,भारत
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