देवशयनी एकादशी 2024:- कौशल पाण्डेय

 देवशयनी एकादशी 2024
कब से लगेगा शुभ कार्यों पर विराम और किस दिन से प्रारम्भ होंगे शुभ कार्य ?

देवशयनी एकादशी  : 17 जुलाई 2024



#devshayni ekadashi 2023


इस तारीख से शुभ काम रुक जाएंगे जैसे, शादी #विवाह, #गृहप्रवेश, लग्न सगाई आदि।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी #एकादशी कहा जाता है, पुराणों के अनुसार 4 महीनों के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, इन 4 महीनों में विवाह आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, इसके बाद कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है, इस दिन भगवान विष्णु की योग निद्रा पूर्ण होती है। 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है इसीलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं. देवशयनी एकादशी के चार माह के बाद भगवान विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागतें हैं. 

देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के तुरन्त बाद आती है और अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत जून अथवा जुलाई के महीने में आता है. चतुर्मास जो कि हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार चार महीने का आत्मसंयम काल है, देवशयनी एकादशी से प्रारम्भ हो जाता है. देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल देवशयनी एकादशी 20 जुलाई 2021 को पड़ेगी.

एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं. एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है. यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है. द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है.


पंडित के एन पाण्डेय (कौशल)+919968550003 
 ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ 
 राष्ट्रीय महासचिव -श्री राम हर्षण शांति कुंज,दिल्ली,भारत

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