होलास्टक 2024 :-पंडित कौशल पाण्डेय

क्या होता है #होलाष्टक :-पंडित कौशल पाण्डेय 
#होलाष्टक :-
फाल्गुन माह के शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन माह की पूर्णिमा तक होलाष्टक का समय माना जाता है 
होलाष्टक का अर्थ होता है होला+ अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन को ही होलाष्टक कहा जाता है.होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है

होलाष्टक में आने वाले आठ दिनों का विशेष महत्व होता है. इन आठ दिनों के दौरान पर सभी विवाह, गृहप्रवेश या नई दुकान खोलना इत्यादि जैसे शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका पर्व मनाया जाता है. इसके साथ ही होलाष्टक की समाप्ति होती है.

2024 में कब से कब तक होगा होलाष्टक






होलाष्टक:-  होलाष्टक का अर्थ होला+ अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन जिसे होलाष्टक कहा जाता है.जिसमे सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए है। 
होलाष्टक 2024 कब से शुरू

होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 17 मार्च 2024 से शुरू होंगे और फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च 2024 पर समाप्त होगी. इस दिन होलिका दहन होगा और 25 मार्च 2024 को रंगवाली होली खेली जाएगी.

होलाष्टक का महत्व

होलाष्टक के दिनों में वातावरण में नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है. यही वजह है कि इस दौरान शुभ कार्य पर रोक लग जाती है. अष्टमी तिथि को चन्द्रमा,नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध,चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र अवस्था में रहते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति होलाष्टक के दौरान कोई मांगलिक काम करता है तो उसे कई तरह की परेशानियां आती है, या फिर वह अधूर रह जाता है.

होली को लेकर प्रचलित मान्यता  :--
पौराणिक कथाओं के अनुसार , दैत्यों के राजा हिरयकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान श्री विष्णु की भक्ति न करने को कहा. लेकिन प्रह्लाद अपने पिता कि बात को नहीं मानते हुए श्री विष्णु भगवान की भक्ति करता रहा. इस कारण पुत्र से नाराज होकर राजा हिरयकश्यप ने प्रह्लाद को कई प्रकार से यातनाएं दी. प्रह्लाद को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक बहुत प्रकार से परेशान किया. उसे मृत्यु तुल्य कष्ट प्रदान किया. प्रह्लाद को मारने का भी कई बार प्रयास किया गया. प्रह्लाद की भक्ति में इतनी शक्ति थी की भगवान श्री विष्णु ने हर बार उसके प्राणों की रक्षा की.
आठवें दिन यानी की फाल्गुन पूर्णिमा के दिन हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका को जिम्मा सौंपा. होलिका को वरदान प्राप्त था की वह अग्नि में नहीं जल सकती. होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती है. मगर भगवान श्री विष्णु ने अपने भक्त को बचा लिया. उस आग में होलिका जलकर मर गई लेकिन प्रह्लाद को अग्नि छू भी नहीं पायी. इस कारण से होलिका दहन से पहले के आठ दिनों को होलाष्टक कहा जाता हैं और शुभ समय नहीं माना जाता.
इसलिये इस दिन होलिका दहन की परंपरा भी है। होलिका दहन से अगले दिन रंगों से होली खेला जाता है इसलिये इसे रंगवाली होली और दुलहंडी भी कहा जाता है।

#होलिका कि पूजा क्यों –?
आज कल लोग होलिका की पूजा करते देखे जाते है जो हिन्दू धर्म के विपरीत है , जैसा कि हमारे धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि होलिका एक राक्षसी थी जिसे वर स्वरुप आग में न जलने का वरदान प्राप्त था लेकिन ईश्वर के खिलाफ जाने से वह तो जल गई और भक्त प्रह्लाद हरी नाम का सुमिरन करने के कारन आग से भी जिन्दा बच गए , इस लिए होलिका की पूजा न कर के भक्त प्रह्लाद के लिए पूजा करनी चाहिए , तभी से प्रति वर्ष यह पर्व भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होलीका को जला कर मनाया जाता है.

#भक्त_प्रह्लाद की रक्षा के लिए पूजन विधि:-
होलिका के समीप, पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ अपना मुख करके बैठे. भगवान विष्णु और अग्निदेव से प्रार्थना करके होलिका में आहूति दें.
फ़ूल-माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चे सूत, गुड़ हल्दी की गांठे, बताशे, नारियल आदि के द्वारा होलिका में अर्पित करे
इसके उपरांत कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर लपेटते हुए होलिका की तीन या सात बार परिक्रमा करें
और मन में कामना करे कि जिस प्रकार से भगवान विष्णु और अग्निदेव ने भक्त प्रह्लाद कि रक्षा ठीक वैसे ही हमारे मन मंदिर में ईश्वर के प्रति श्रद्धा विश्वास पैदा करे।

होलिका दहन के लिए लोग हरे भरे पेड़ों को काट कर होलिका में डाल देते है ऐसा नहीं करना चाहिए वृक्ष काटनेसे पर्यावरणकी हानि होती है ।
शास्त्रों में विधान मिलता है कि अरंडी के पेड़ को बीच में खड़ा करने के उपरांत सुखी लकड़िया और गोबर के उपले चारों तरफ डाल कर होलिका बनाना चाहिए या घर में लकड़ी के बेकार सामान आदि होलिका में जलाकर यह त्यौहार मानना चाहिए
करे ये उपाय
होलिका दहन के समय गेहूँ की बाल को जलती हुई होलिका में सेंकना चाहि‌ए इसके उपरांत बाली सेंककर घर में फैलाने से अन्न और धन की वृद्धि होती है।

होलीका दहन के दिन करने वाले उपाय :- पंडित कौशल पाण्डेय
होलिका दहन के समय गेहूँ की बाल को जलती हुई होलिका में सेंकना चाहि‌ए इसके उपरांत बाली सेंककर घर में फैलाने से अन्न और धन की वृद्धि होती है।
होलीका दहन के उपरांत बजरंग बाण का 40 दिन तक नियमित पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है ।
- यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो, तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन के दिन, रात्रि में शिवलिंग पर चढ़ा दें।
- होली की रात्रि को सरसों के तेल का चैमुखी दीपक जलाकर पूजा करें व भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।
- यदि बुरा समय चल रहा हो, तो होली के दिन पेंडुलम वाली नई घड़ी घर में पूर्वी या उत्तरी दीवार पर लगाएं, अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
- यदि राहु को लेकर कोई परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें। फिर उस नारियल के गोले को अपने शरीर के अंगों से स्पर्श कराकर जलती हुई होलिका में डाल दें। आगामी पूरे वर्ष भर राहु परेशान नहीं करेगा।
- स्वास्थ्य लाभ हेतु जौ के आटे में काले तिल एवं सरसों का तेल मिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंसे को खिला दें। यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें। आप शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेंगे।
- आत्मरक्षा हेतु, घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए।
होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए।. इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है, तथा आत्मरक्षा होती है।
- अगर आपको लगता है कि किसी ने आपके विरुद्ध कोई टोटका कर रखा है तो होली की रात में जहां होलिका दहन हो, उस जगह पर एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। जो भी तंत्र क्रिया आप पर किसी ने की होगी वह नष्ट हो जाएगी।
दूसरा उपाय यह है कि होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े में बांधकर काले तिल रखें। रात को जलती होली में उन्हें डाल दें। यदि पहले से ही कोई टोटका होगा तो वह भी खत्म हो जाएगा।
- यदि आप घर में नकारात्मक ऊर्जा से परेशान हैं तो जब होली जल जाए, तब आप होलिका की थोड़ी-सी अग्नि ले आएं। फिर अपने घर के आग्नेय कोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें। सरसों के तेल का दीपक जला दें। इस उपाय से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा जलकर समाप्त हो जाएगी।
- रोजगारी हैं तो होली की रात्रि बारह बजे से पूर्व एक दाग रहित बड़ा निंबू लेकर चैराहे पर जाएं और उसकी चार फांक चारों कोनों में फेंक दें फिर वापिस घर आ जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, शीघ्र ही बुरे दिन दूर होंगे व रोजगार प्राप्त होगा।
- मुकदमा जीतने के लिये, होली की आग लाकर उसके कोयले से स्याही बनाकर लोहे की सलाई से मुकदमा नम्बर और शत्रु पक्ष का नाम सात कागजों पर लिख कर पुनः होली की अग्नि के पास जायें और सात परिक्रमा करें, हर परिक्रमा पर एक कागज होली की आग में डाल दें।
- यदि आपका कहीं पैसा फंसा है और वह देने में आना-कानी करता है तो होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका की ग्यारह बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति की प्रार्थना करें..फिर एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चन्दन से लिखें जिससे पैसा लेना है ..लाल चन्दन से नाम लिखाकर उस सफेद कागज को ग्यारह गोमती चक्र के साथ में कहीं गड्ढा खोदकर सारी सामग्री दबा दें। इस प्रयोग से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
- यदि आपको कोई अज्ञात भय रहता हो.तो होली के दिन एक सूखा जटा वाला नारियल काले तिल एवं पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के ऊपर उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाएगा।
- शत्रु बाधा समाप्त करने के लिये होलिका दहन के समय ७ गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र दहन में डाल दें।
- होलिका दहन के दूसरे दिन होलिका की राख को घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूतप्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।

सभी सनातनी भाई बहनो को रंगोत्सव महापर्व की हार्दिक बधाई। 
आप सभी देशवासियों को होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
#HappyHoli202

मेरा सभी देश वाशियों से निवेदन है की होली का त्यौहार भारतीय संस्कृति के अनुसार मनाये ,
आज के दिन भांग या शराब का सेवन न करे , जिससे माहोल ख़राब हो। 
कई बार देखने में आया है की लोग नशे में धुत हो कर छेड़खानी करते है और ड्राइविंग करते है जिससे उनकी जान भी चली जाती है यह जीवन बहुत अनमोल है इसे ख़ुशी से जिए , होली भाईचारे का प्रतिक है इसे सरलता से मनाये।
आप को यह लेख कैसा लगा कृपया अवश्य बताये व् सेयर करे , धन्यवाद

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