#विक्रम संवत 2081

#हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत वर्ष 2081
 
विक्रम संवत वर्ष 2081


हिंदू पंचांग के अनुसार  9 अप्रैल  2024 से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम सम्वत् 2081 प्रारम्भ हो जायेगा 
हिन्दू नव वर्ष विक्रम संवत 2081 मंगलवार 9 अप्रैल 2024 प्रारम्भ हो जाएगा. 
2081 नव संवत्सर को 'क्रोधी' नाम से जाना जाएगा. इस संवत के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे.
नव संवत्सर का राजा (वर्षेश) नए वर्ष के प्रथम दिन के स्वामी को उस वर्ष का स्वामी भी मानते हैं।
 

हिंदू नववर्ष विक्रम सम्वत 2081 
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि शुरू  8 अप्रैल 2024, रात 11.50
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त  9 अप्रैल 2024, रात 08.30
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त    सुबह 06.02 -  सुबह 10.16
कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त    सुबह 11.57 - दोपहर 12.48

हिंदू नववर्ष विक्रम संवत्सर 2081

कैसा रहेगा विक्रम संवत 2081
भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर पूर्ण बहुमत से सत्ता पर विराजमान रहेगी और श्री नरेंद्र मोदी जी लगातार तीसरीबार प्रधान मंत्री पद की शोभा बढ़ाएंगे।

राजनीतिक पार्टियों में आपसी शत्रुता की भावना बढ़ेगी. भारत में आंतरिक संघर्ष बढ़ने की संभावना है. देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.

विक्रम संवत 2081 में राजा मंगल और शनि के मंत्री होने से देश दुनिया के लिए यह वर्ष उथल-पुथल वाला रहेगा. राहु, मंगल, सूर्य और शनि के गोचरीय प्रभाव के कारण कई राज्यों में प्राकृति आपदा में वृद्धि हो सकती है और कई देश प्राकृतिक आपदा जैसे  तूफान, भूकंप और बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका है. 


विक्रम संवत, हिन्दू नववर्ष की विशेषता…

चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का आरंभ हुआ था।हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शरू होता है| इस दिन ग्रह और नक्षत्र मे परिवर्तन होता है | हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है |

बारह महीने का एक वर्ष और सात दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से ही शुरू हुआ। 
महीने का हिसाब� सूर्य व� चंद्रमा की गति पर रखा जाता है। यह बारह राशियाँ बारह सौर मास हैं। जिस दिन सूर्य जिस� राशि में प्रवेश करता है उसी दिन की संक्रांति होती है।� पूर्णिमा के दिन, चंद्रमा जिस� नक्षत्र में होता है। उसी आधार पर महीनों का नामकरण हुआ है। चंद्र वर्ष सौर वर्ष से 11 दिन 3 घाटी 48 पल छोटा है। इसीलिए हर 3 वर्ष में इसमें 1 महीना जोड़ दिया जाता है।

जैसे ही कैलेंडर में वर्ष 2024 का आगमन होता ही कई लोगो को अपनी राशि फल पढ़ने की उत्सुकता बढ़ जाती ही ऐसे पाठको के लिए यह लेख समर्पित ही कृपया पढ़े और समझे। 

इस लेख के माध्यम से सभी राशिफल पढ़ने वाले पाठकों को बताना चाहता हूँ की कैलेंडर वर्ष बदलने से आपके भाग्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है ।

वर्ष 2024 के आगमन पर विभिन्न टीवी चैनलों और ज्योतिषियों द्वारा नए साल को लेकर की जाने वाली अधिकांश भविष्यवाणियां  मनगढ़ंत और बुद्धि को भ्रमित करने के आलावा कुछ नहीं है। 

भाग्य सिर्फ शुभ कर्मों से बदलता है ज्योतिष शास्त्र भी कर्म प्रधान है अतः शुभ कर्मो पर ध्यान दीजिये राशियों पर नहीं। 

ज्योतिष शास्त्र  में राशिफल और वर्षफल का निर्धारण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से किया जाता है न की 1 जनवरी से.
हिन्दू धर्म में नववर्ष का आगमन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है, 

अंग्रेजी महीने से सिर्फ कैलेण्डर वर्ष बदलता है और 31 दिसंबर की रात्रि 12 बजते ही  इशाई समाज अपना नया साल मनाते है पश्चमी देशों का यह प्रचलन अब अधिकांश लोग उनकी तरह ही जश्न मनाकर मनाने लगे है।  

किसी भी  जातक के संबंध में राशिफल या वर्षफल का निर्धारण उसके स्वयं के जन्मदिवस से होता है ना कि कैलेंडर के नववर्ष से।
सभी देश वाशियों के लिए वर्ष 2024 सुखद व मंगलमय हो 

वैदिक विधियों द्वारा समस्याओं का समाधान 
पंडित के एन पाण्डेय (कौशल)+919968550003
 ज्योतिष,वास्तु शास्त्र व राशि रत्न विशेषज्ञ 

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