वास्तु टिप्स :- कौशल पाण्डेय

वास्तु टिप्स :- कौशल पाण्डेय +919968550003

वास्तु टिप्स :- कौशल पाण्डेय


दिशाए एवं उनके उपयुक्त प्रयोग:
दिशा उपयुक्त कक्ष एवं उपयोग
पूर्व बच्चों का कमरा, लिविंग रूम
पश्चिम भोजन कक्ष / डाइनिंग एरिया, बच्चो का कमरा
उत्तर बैठक / ड्राईंग रूम, धन रखने का स्थान
दक्षिण शयन कक्ष / बेड रूम
उत्तर-पूर्व पूजा घर, अध्धयन / स्टडी रूम, बोरिंग, पानी का होद, खुला स्थान
उत्तर-पश्चिम मेहमान कक्ष
दक्षिण-पश्चिम मास्टर बेड रूम / सीडिया, भारी सामान
दक्षिण-पूर्व रसोई एवं जेनेरटर, इन्वर्टर

घर के मुखय द्वार पर तुलसी का पौधा रखें। सुबह उसमें जल अर्पित करें तथा शाम को दीपक जलाएं।
पूर्व या उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से घर के सदस्यों में आत्मविश्वास बढ़ता है।
घर की छत पर तुलसी का पौधा रखने से घर पर बिजली गिरने का भय नहीं रहता।

द्वार खुलते-बंद होते समय किसी भी प्रकार की कर्कश ध्वनि नहीं आनी चाहिए। ये अशुभ सूचक होता है।

कलह से बचने के लिए घर में किसी देवी-देवता की एक से अधिक मूर्ति या तस्वीर न रखें।

किसी भी देवता की दो तस्वीरें इस प्रकार न लगाएं कि उनका मुंह आमने-सामने हो।

देवी-देवताओं के चित्र कभी भी नैत्य कोण में नहीं लगाने चाहिए अन्यथा कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझने की पूरी संभावना रहती है।

किसी को कोई बात समझाते समय अपना मुंह पूर्व दिशा में ही रखें। पढ़ते समय बच्चों का मुंह पूर्व दिशा में ही होना चाहिए।

चलते समय कभी भी पैर घसीटकर न चलें। जीवन में स्थायित्व लाने के लिए सदैव अपने पैन से ही हस्ताक्षर करें।

इस बात का ध्यान रहे कि घर में कभी भी फालतू सामान, टूटे-फूटे फर्नीचर, कूड़ा कबाड़ तथा बिजली का सामान इकट्ठा न होने पाए। अन्यथा घर में बेवजह का तनाव बना रहेगा।

फटे-पुराने जूते-मौजे, छाते, अण्डर गारमेंट्स आदि जितनी जल्दी हो सके घर से बाहर फैंक दें। नहीं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का सर्वथा अभाव रहेगा और व्यर्थ की परेशानियां घेरे रहेंगी। फटे जूते मौजे और अण्डर गारमेंट्स प्रयोग में आने से शनि के नकारात्मक पभ््र ााव भी झले ने पडत़े हैं।

धन वृद्धि के लिए तिजोरी का मुंह सदैव उत्तर या पूर्व दिशा में ही होना चाहिए तथा जहां पर पैसे रखने हों वहां पर सुगंधित दृव्य या इत्र, परफ्यूम आदि नहीं रखने चाहिए। तिजोरी के दरवाजे पर कमल पर बैठी हुई तथा सफेद हाथियों के झुन्ड के अग्र भाग से नहलाई जाती हुई लक्ष्मी जी की एक तस्वीर लगाने से घर में निरंतर वृद्धि होती है।

दक्षिण की दीवार पर दर्पण कभी भी न लगाएं। दर्पण हमेशा पूर्व या उत्तर की दीवार पर ही लगाना चाहिए।

बिजली के स्विच, मोटर, मेन मीटर, टी.वी., कम्प्यूटर आदि आग्नेय कोण में ही होने चाहिए इससे आर्थिक लाभ सुगमता से होता है।

घर में पुस्तकें रखने का स्थान उत्तर या पूर्व में ही होना चाहिए तथा पुस्तकों को बंद अलमारी में ही रखना चाहिए। टेलीफोन के पास कभी भी पानी का ग्लास या चाय का कप नहीं रखना चाहिए। अन्यथा टेलीफोन ठीक से काम नहीं करेगा और उसमें कुछ न कुछ गड़बड़ होती रहेगी। घर में कभी भी मकड़ी के जाले नहीं लगने चाहिए नहीं तो राहु खराब होता है तथा राहु के बुरे फल भोगने पड़ते हैं।

घर में कभी भी रामायण, महाभारत, युद्ध, उल्लू आदि की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। केवल शांत और सौम्य चित्रों से ही घर की सजावट करनी चाहिए। अविवाहित कन्याओं के कमरे में सफेद चांद का चित्र अवश्य लगाना चाहिए। पूर्व की ओर मुख करके खाना खाने से आयु बढ़ती है।

उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से आयु तथा धन की प्राप्ति होती है।
दक्षिण की ओर मुख करके भोजन करने से प्रेतत्व की प्राप्ति होती है तथा पश्चिम की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति रोगी होता है।
भोजन की थाली कभी भी एक हाथ से नहीं पकड़नी चाहिए। ऐसा करने से भोजन प्रेतयोनि में चला जाता है।
भोजन की थाली को सदैव आदरपूर्वक दोनों हाथ लगाकर ही टेबल तक लाना चाहिए।
यदि जमीन पर बैठकर खाना-खाना है तो भोजन की थाली को सीधे जमीन पर न रखकर किसी चौकी या आसन पर रखकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

सोते समय गृहस्वामी का सिर सदैव दक्षिण केी तरफ ही होना चाहिए इससे आयु वृद्धि होती है एवं गृह स्वामी का पूर्ण प्रभुत्व घर पर बना रहता है।
यदि प्रवास पर हों तो पश्चिम की ओर सिर करके ही सोना चाहिए।
जिससे जितनी जल्दी हो सके अपने घर वापस आ सकें। घर में सीढ़ियों का स्थान पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही होना चाहिए, कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं। सीढ़ियों की संखया हमेशा विषम ही होनी चाहिए जैसे- 11, 13, 15 आदि। यदि घर में सीढ़ियों के निर्माण संबंधी कोई दोष रह गया हो तो मिट्टी की कटोरी से ढक कर उस स्थान पर जमीन के नीचे दबा दें। ऐसा करने से सीढ़ियों संबंधी वास्तु दोषों का नाश होता है। संध्या के समय घर में एक दीपक अवश्य जलाएं तथा ईश्वर से अपने द्वारा किए गये पापों के लिए क्षमा याचना करें।

यदि इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो विघ्न, बाधाएं, परेशानियां हमें छू भी नहीं सकेंगी, खुशियां हमारे घर का द्वार चूमेंगी, हमारे घर की सीढ़ियां हमारे लिए सफलता की सीढ़ियां बन जाएंगी तथा घर की बगिया हमेशा महकती रहेगी तथा घर का प्रत्येक सदस्य प्रगति करता रहेगा।
जय श्री राम 
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