#दीपावली :-पंडित कौशल पाण्डेय

#दीपावली   :-पंडित कौशल पाण्डेय 

दीपावली का पर्व प्रतिवर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है इस वर्ष यह पर्व  4 नवम्बर को मनाया जायेगा 
दीपावली  के दिन लक्ष्मी का पूजा का विशेष महत्व  है,यदि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो स्थिर लक्ष्मी घर में निवास करती है. “ब्रह्मपुराण” के अनुसार आधी रात तक रहने वाली अमावस्या तिथि ही महालक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ होती है. यदि अमावस्या आधी रात तक नहीं होती है तब प्रदोष व्यापिनी तिथि लेनी चाहिए. लक्ष्मी पूजा व दीप दान के लिए प्रदोषकाल  शुभ माना गया  हैं.

क्यों मनाया जाता है दीपोत्सव का पर्व 
 पौराणिक  मान्यता है कि भगवान श्री राम चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे.  मर्यादा पुरुसोत्तम श्री राम लक्ष्मण माता सीता की अयोध्या वापसी की खुशी में लोगों ने घर-घर में दिए जलाए थे तब से इस त्योहार को दीवाली के रुप में मनाया जाने लगा और समय के साथ और भी बहुत सी बातें इस त्यौहार के साथ जुड़ती चली गई.

दीपावली पूजन मुहूर्त 
दीपावली के दिन प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी व् रिद्धि सिद्धि के स्वामी श्री गणेश  की पूजा होती है. मान्यता है कि इस समय श्री गणेश  लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता.

पंडित कौशल पाण्डेय के अनुसार चौघड़िया में इस समय पर पूजन करना उचित है - 
अमृत, शुभ, लाभ और चर सबसे लोकप्रिय चौघड़िया हैं। 
किसी शुभ काम को करने के लिए मुहूर्त तय करते समय अशुभ चौघड़िया उद्वेग, काल और रोग से बचना चाहिए।



राहु काल में शुभ कार्य पूर्णतः वर्जित हैं। आज का राहु काल, शुरुआत और अंत का सही समय और इससे बचने के उपाय देखें
सप्ताह के हर दिन के लिए राहु काल समय
दिन राहू काल यमगंदम गुलिका
सोमवार 07:30-09:00 13:30-15:00 10:30-12:00
मंगलवार 15:00-16:30 12:00-13:30 09:00-10:30
बुधवार 12:00-13:30 10:30-12:00 07:30-09:00
गुरूवार 13:30-15:00 09:00-10:30 06:00-07:30
शुक्रवार 10:30-12:00 07:30-09:00 15:00-16:30
शनिवार 09:00-10:30 06:00-07:30 13:30-15:00
रविवार 16:30-18:00 15:00-16:30 12:00-13:30
राहु काल क्या है?
राहु काल या राहु कलाम दिन का सबसे प्रतिकूल समय है, जब कुछ भी शुभ करते हैं, तो कभी भी अनुकूल परिणाम नहीं देते हैं। राहु काल किसी भी शुभ घटना के लिए एक समृद्ध समय नहीं माना जाता है, और यह राहुकाल के दौरान शुरू की गई चीजों के लिए प्रतिकूल परिणाम देने के लिए जाना जाता है। इसलिए, कुछ भी नया शुरू करने से पहले राहु कलाम का समय हमेशा ध्यान में रखा जाता है।
ज्योतिषी हमेशा शुभ मुहूर्त की गणना करते हुए, दिन के इन 90 मिनटों को छोड़ देते हैं।
यमगंडम का क्या अर्थ है या यमगंड काल?
यमगंडम का अर्थ है मृत्यु का समय, या मौत का समय। यमगंडम मुहूर्त के दौरान केवल मृत्यु अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं। इस समय में शुरू की गई कोई भी गतिविधि कार्य या उससे जुड़े अन्य पहलुओं को निराश करती है। इसलिए, यमगंडम मुहूर्त के दौरान की गई गतिविधियाँ विफलता में समाप्त होती हैं या अंतिम परिणाम अक्सर बहुत अनुकूल नहीं होता है। हमेशा सलाह दी जाती है कि इस दौरान धन या यात्रा से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियाँ शुरू न करें।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
दिवाली की पूजा के लिए चार मुहूर्त होते है –
वृषभ लग्न – यह दिवाली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है.
सिंह  लग्न – यह दिवाली की मध्य रात्रि का समय होता है. संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है.
दिवाली पूजा की आवश्यक साम्रगी
दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए.
दिवाली के दिन कैसे करें पूजा...
- स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए.
- शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर स्थापित करना चाहिए.
- मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए. इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए.
- अब फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.
- इनके साथ-साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए.
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें 
किसी भी समस्या के समाधान के लिए मिले अथवा संपर्क करे -
पंडित कौशल पाण्डेय (ज्योतिष,वास्तु व राशि रत्न विशेषज्ञ )
संपर्क सूत्र -+919968550003 

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