दीपावली पूजन: पंडित कौशल पाण्डेय +919968550003


#दीपावली पूजन :- पंडित कौशल पाण्डेय +919968550003 



कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को जब सूर्य और चंद्र दोनों तुला राशि में होते हैं, तब दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। आज के दिन प्रदोष काल में श्री गणेश, श्री महालक्ष्मी, कुबेर आदि देवी-देवताओं का पूजन करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती है। साधको के लिए आज का दिन बहुत ही शुभ माना गया है आज के दिन किये गए मंत्र जाप और साधना से सिद्धि प्राप्त होती है दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का अपना विशिष्ट महत्व है। दूसरे शब्दों में दीपावली का मुख्य अर्थ ही लक्ष्मी पूजन है। लेकिन, लक्ष्मी पूजन यदि सही विधि विधान से न हो, तो फल प्राप्ति मुश्किल हो जाती है। 

* व्यापारी वर्ग अपनी दुकान या प्रतिष्ठान पर दिन में लक्ष्मी का पूजन करता हैं। दूसरी ओर गृहस्थ सांय प्रदोष काल में महालक्ष्मी का आह्वान करते हैं और साधु-संत और तांत्रिक कुछ विशेष सिद्धियां अर्जित करने के लिए रात्रिकाल में अपने तांत्रिक षटकर्म करते हैं। 

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 
(रविवार 12 नवंबर 2023)
लक्ष्मी पूजा (प्रदोष काल समय) - शाम 05.39 - रात 07.35 
वृषभ काल - शाम 05:39 - रात 07:35
लक्ष्मी पूजा (निशिता काल समय) - 12 नवंबर 2023, 
भिजित मुहूर्त 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा, 
रात 11:39- 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32
सिंह लग्न - रात्रि 12:04  से प्रात: 02:27 (13 नवंबर 2023) तक सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

आज के दिन आसान पर लाल वस्त्र बिछाकर गणेश जी के दाईं तरफ लक्ष्मी जी की स्थापना करें। गणेश जी को दुर्वा का और लक्ष्मी जी को कमल के फूल का आसन दें। गणेश जी को सफेद वस्त्र और लक्ष्मी जी को लाल वस्त्र अर्पित करें। 

दीपावली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा के लिए स्थिर लग्न का चयन किया जाता है। 

वृष, सिंह, वृश्चिक एवं कुंभ स्थिर लग्न हैं। 
स्थिर लग्न के साथ ही उपयुक्त चैघड़िया का चयन करना भी अनिवार्य है। 

शुभ एवं उपयुक्त चैघड़िया हैं- चर, लाभ, अमृत एवं शुभ।

फैक्टरी और दुकानों में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है आज के दिन घर और ऑफिस के मुख्य द्वार पर शुभ समय में स्वस्तिक और शुभ-लाभ अस्टगंध से निर्मित सिंदूर से बनाना चाहिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार से हैं- शुभ मुहूर्त में करे 

*शुभ मुहूर्त में करे दीपावली पूजन*
 इस दिन गृहस्थ और व्यापारी दोनों वर्गों के लोग पूजा करते हैं. व्यापारी इस दिन बही-खाता बदलते हैं, वहीं, गृहस्थ प्रदोष काल में महालक्ष्मी की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

शास्त्रों के अनुसार दीपावली में गोधूलि लग्न से आरंभ होनेवाली पूजा महानिशिथ काल अर्थात अर्धरात्रि तक की जाती है. 

 ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार स्थिर लग्न में वृष , सिंह, वृश्चिक, कुम्भ ये चार लग्न पूजा के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है.
स्थिर लग्न वृष में खाता (बसना) पूजन श्री लक्ष्मी-कुबेर, इन्द्रादि पूजन करना निर्विवाद और निर्विघ्न शुभ तथा लाभप्रद रहेगा | इन मुहूर्त में पूजन करने से महालक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है। 

जिसका पालन करके प्रत्येक व्यक्ति अपने घर में लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकता है और अपना जीवन धन्य कर सकता है। 
शुभ मंत्र :- 
१ -ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः 
२- ॐ श्रीं श्रियै नमः 
३- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद:प्रसीद:श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:
यथा संभव मन्त्र का जाप करे और श्री सूक्त का पाठ करे। 

अधिक जानकारी के लिए मिले अथवा संपर्क करे :- 
पंडित कौशल पाण्डेय +919968550003 
शिव शक्ति मंदिर , ब्लॉक- C-10 यमुना विहार, दिल्ली 53

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