गोवत्स द्वादशी 10 नवंबर 2023 गोवत्स द्वादशी व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है. , आज के दिन गायों तथा उनके बछडो़ की सेवा की जाती है.
वेदो में गाय को पृथ्वी का प्रतीक माना गया है, गौमाता में सभी देवताओं के तत्त्व विराजमान होते हैं. इसीलिए कहा जाता है कि, गौ में समस्त देवी-देवता वास करते हैं.
*आज के दिन श्री कृष्ण भगवान को गाय के पंचामृत से पूजन करना चाहिए और व्रत के उपरांत गाय के दूध से बने पदार्थ ही ग्रहण करने चाहिए , इस व्रत के प्रभाव से साधक को सभी सुखों की प्राप्ती होती है.
आज भारत में गऊ माता के ऊपर हो रहे अत्याचार पर आवाज उठाये और आज के दिन गऊ रक्षा का संकप करे।
कैसे करे
गोवत्स द्वादशी पूजन :-
गोवत्स द्वादशी के दिन प्रात:काल पवित्र नदी या नदी के जल से स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र पहने और व्रत का संकल्प करे .
इस दिन व्रत में एक समय ही भोजन किया जाने का विधान होता है. इस दिन गाय को बछडे़ सहित स्नान कराते हैं. फिर उन दोनों को नया वस्त्र ओढा़या जाता है. दोनों के गले में फूलों की माला पहनाते हैं. दोनों के माथे पर चंदन का तिलक करते हैं और फूलो के माला पहनाये.
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए गऊ माता प्रणाम करे और उनके चारो और परिक्रमा लगाये
मंत्र इस प्रकार है -
क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते|
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:||
इस विधि को करने के बाद गाय को हरा चारा खिलाये और उड़द से बने भोज्य पदार्थ खिलाने चाहिए
निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए. मंत्र है -
सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता |
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ||
तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते |
मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी ||
पूजन करने के बाद गोवत्स की कथा सुनी जाती है.
व्रत रखकर रात्रि में अपने इष्टदेव तथा गौमाता की आरती की जाती है. उसके बाद भोजन ग्रहण किया जाता है.
गाय को जब भी कुछ खिलाये हमेशा हरा चारा या भूस ही भरपेट खिलाये कभी भी कच्चे आंटे की लोई गुड आदि न खिलाये आज कल कई तरह के तामसिक लोग उपाय बताते है की गाय को कच्चे आंटे की लोई में गुड हल्दी आदि डालकर खिलाये ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे गऊ माँ को नुकसान पहुंचे , आशा है की आप सब इन बातो का ध्यान रखेगे धन्यवाद -
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे
पंडित कौशल पाण्डेय
ज्योतिष,वास्तु व राशि रत्न सलाहकार
+919968550003
0 टिप्पणियाँ