महाशिव रात्रि महिमा :- पंडित कौशल पाण्डेय 09968550003


महाशिव रात्रि महिमा :- पंडित कौशल पाण्डेय



चतुर्दश्यां तु कृष्णायां फाल्गुने शिवपूजनम्। 
तामुपोष्य प्रयत्नेन विषयान् परिवर्जयेत।। 
शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्। -

महाशिव रात्रि है ,महा शिवरात्रि का पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. भगवान शिव को प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि प्रिय है परन्तु सभी चतुर्दशी तिथियों में फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को अति प्रिय है.

करे अपने पापो का नाश :- ईशान संहिता में शिव रात्रि के व्रत का उल्लेख इस प्रकार किया गया है-
-: शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापं प्रणाशनम्। आचाण्डाल मनुष्याणं भुक्ति मुक्ति प्रदायकं :-
शिव रात्रि का व्रत करने से सब पापों का नाश हो जाता है। हिंसक प्रवृत्ति बदल जाती है। निरीह जीवों के प्रति दया भाव उपज जाता है।

असित गिरिसमम स्याद कज्जलम सिंधु पात्रे, सुरतरुवर शाखा लेखनी पत्रमुर्वी ।
लिखति यदि गृहीत्वा शारदासर्वकालम, तदपि तव गुणानाम ईश पारम न याति॥

अर्थात यदि समस्त पर्वतों को, समस्त समुद्रों के जल में पीसकर उसकी स्याही बनाइ जाये, और संपूर्ण वनों के वृक्षों को काटकर उसको कलम या पेन बनाया जाये और स्वयं साक्षात, विद्या की अधिष्ठात्री, देवी सरस्वती उनके गुणों को लिखने के लिये अनंतकाल तक बैठी रहें तो भी उनके गुणों का वर्णन कर पाना संभव नही होगा। वह समस्त लेखनी घिस जायेगी! पूरी स्याही सूख जायेगी मगर उनका गुण वर्णन समाप्त नही होगा। ऐसे भगवान शिव का पूजन अर्चन करना मानव जीवन का सौभाग्य है ।

भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं :- इनका एक नाम आशुतोष भी है। आशु-अर्थात शीघ्र, तोष- अर्थात संतुष्टा शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव का नाम ही आशुतोष है। भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। मात्र एक लोटा गंगाजल एवं बिल्वपत्र भक्ति पूर्वक चढ़ा देने मात्र से शीघ्र संतुष्ट होकर भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं।
सभी के महादेव :- शिव पूजन का अधिकार सभी वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रीय,वैश्य,शूद्र) और अछूत समुदाय के स्त्री-पुरुष और बाल, युवा, वृद्ध के लिए मान्य है, अतः आवश्यक नहीं कि प्रत्येक व्यक्ति मंत्रों और पूजा विधि का ज्ञान रखता हो, इसलिए सभी महादेव की पूजा कर सकते है .
शिव रात्रि के दिन करे निम्न प्रयोग :-
शीघ्र फल दाई है यह शिव रात्रि इस दिन शिव के सम्मुख बैठ कर निम्न मन्त्रों का जाप कर लाभ उठायें .जैसे :-

शीघ्र विवाह के लिए इस मंत्र का करे जाप :-
1:- हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया
तथा मम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम् ।।

2:- कात्यायनी महामाये महायोगिन्य धीश्वरी। नंद गोप सुतं देवी पतिं मे कुरुते नम:।
किसी कन्या का विवाह में विलम्ब हो रहा है तो शिव रात्रि के दिन गौरी-पूजन करके निम्न मन्त्र का 2100 जाप करे

विद्या प्राप्ति के लिए :-
विद्यार्थी आज के दिन इस मंत्र का जाप करे :- ‘‘ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः’’ इस मंत्र का 21 बार जाप करें,

शीघ्र फल प्राप्ति के लिए निम्न मंत्रों का जाप करे :-
1:- ॐ नमः शिवाय
2:- नमः शिवाय तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
3:- ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।

राशी के अनुसार कैसे करे शिव पूजा :-
पूर्व या उत्तर दिशा में मुह कर के ही पूजा करे,बिल्व पत्र पर जो चिकनाहट वाला भाग होता हे वाही शिवलिंग पर चढ़ाये ( कृपया खंडित बिल्व पत्र मत चढ़ाये )शिव पूजन में चंपा के पुष्प का प्रयोग न करे
मेष – चू चे चो ला ली लू ले लो अ
मेष राशी का रंग लाल है ,इस राशि के व्यक्ति जल में रोली या लाल चन्दन मिलाकर शिव का अभिषेक करें व लाल कनेर के फूल चढ़ावें।
वृष- इ उ ए ओ वा वी वू वे वो.
इस राशी का रंग सफ़ेद है अतः वृष राशि के लोगों के लिए गंगा जल, दूध, दही, घी , में सफ़ेद चन्दन से शिव जी का अभिषेक करे और सफेद चंदन, धतूरे का फूल चढ़ावें।
मिथुन –का की कू घ ङ छ के को हा.
इस राशि का रंग हरा है , मिथुन राशी वाले व्यक्ति गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करे। दूर्वा के साध बेलपत्र का आक का पुष्प अर्पित करें।
कर्क –ही हू हे हो डा डी डू डे डो
कर्क राशि का रंग सफ़ेद है अतः कर्क राशि के लोगों के लिए गंगा जल, दूध, दही, घी , में सफ़ेद चन्दन से शिव जी का अभिषेक करे और सफेद चंदन, धतूरे का फूल चढ़ावें।
सिंह – मा मी मू मे मो टा टी टू टे
सिंह राशि का रंग लाल है ,इस राशि के व्यक्ति जल में रोली या लाल चन्दन मिलाकर शिव का अभिषेक करें व लाल कनेर के फूल चढ़ावें।
कन्या –टो पा पी पू ष ण ठ पे पो
इस राशि का रंग हरा है , कन्या राशी वाले व्यक्ति गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करे। दूर्वा के साध भांग ,बेलपत्र का और आक के फूल अर्पित करें।
तुला – रा री रू रे रो ता ती तू ते
इस राशी का रंग सफ़ेद है अतः तुला राशि के लोगों के लिए गंगा जल, दूध, दही, घी , में सफ़ेद चन्दन से शिव जी का अभिषेक करे और सफेद चंदन, धतूरे का फूल चढ़ावें।
वृश्चिक – तो ना नी नू ने नो या यी यू.
वृश्चिक राशी वाले पंचामृत से शिव का अभिषेक करे , साथ ही लाल चन्दन , लाल फूल भी शिव लिंग के ऊपर जरुर चढ़ाएं।
धनु – ये यो भा भी भू धा फा ढा भे
इस राशी का रंग पीला है , इस राशि के जातक कच्चे दूध में हल्दी मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करे साथ ही पीले कनेर या गेंदे का पुष्प अर्पित करें।
मकर –भो जा जी खी खू खे खो गा गी
मकर राशी के स्वामी शनि देव है इनका रंग श्याम वर्ण का है अतः इन राशी वाले नारियल पानी से शिव जी का अभिषेक करे , साथ ही शमि का पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाएं
कुंभ – गू गे गो सा सी सू से सौ दा
कुम्भ राशी वाले तिल के तेल से शिव जी का अभिषेक करे , साथ ही शमि का पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाएं
मीन – दी दू थ झ ञ दे दो चा ची
इस राशी का रंग पीला है , इस राशि के जातक कच्चे दूध में केशर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करे साथ ही पीले कनेर या गेंदे का पुष्प अर्पित करें।
 

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