दान का महत्व एवं विधि :- पंडित कौशल पाण्डेय
शास्त्रों में गृह शांति के विभिन्न उपायों में गृहानुसार दान देने का विशेष महत्व है किन्तु ऐसा देखने में आया हैं कि लोग दान के महत्व व विधि से पूर्णतः अवगत नहीं है। इसलिये दान देने के बावजूद भी दान का सुफल दानदाता को नहीं मिल पाता है।
दान देने की सही विधि व सही कारण दान के पुण्य को दुगुना कर देता है। दान का सुफल उतना ही लौटकर आ जाता है, जैसे :- कुएं में झाककर आवाज देने से
हमारे स्वर पुनः लौट आते है। दान का सुफल किसी भी रुप में निश्चित मिलता ही है। किन्तु हम यह जान नहीं पाते कि किस दान का क्या सुफल हमें मिला। दान के पुण्य का न तो कोई निश्चित समय होता है और न ही कोई निश्चित मात्रा।
१. दान देने से पूर्व यह जरुर मालूम होना चाहिये कि दान किसे, कब और क्यों देना है, अर्थात दान हमेशा किसी जरुरतमंद को, किसी उपयुक्त दिन व समय में देना शुभ माना गया है।
२. शास्त्रों में विभिन्न ग्रहों की शांति के लिये विभिन्न उपाय बताये गये है। विभिन्न ग्रहो के अनुसार दान भी अलग – अलग है। अतः ग्रहों के उपयुक्त दिन, रंग व वस्तु को ध्यान में रखकर दान देना चाहिए।
३. सूर्य ग्रह की शांति के लिये आटे, गुड तथा तांबे का दान करना चाहिए।रत्नों में माणिक भी दान कर सकते है।
४. चंद्र ग्रह की शांति हेतु चांदी, दूध, चांवल, सफेद कपडे, सफेद मिठाई, आदि का दान करना चाहिए। शंख, कपूर, श्वेत चंदन और मोती का दान भी उपयुक्त है।
५. मंगल ग्रह की शांति के लिये लाल कपडा, मूंगा, मसूर की दाल, गुड, सिन्दूर, व लाल मिर्ची का दान उपयुक्त माना गया है।
६. बुध ग्रह की शांति के लिये हरे कपडे, हरा धनिया, पन्ना, साबूत मूंग की दाल, हरी सब्जी, कांस्य के बर्तन, घी, मिश्री, आदि का दान उपयुक्त है।
७. बृहस्पति ग्रह की शांति हेतु पीले वस्त्र, चने की दाल, सोना, पुखराज, पीले फूल, केसर, पीले फल, हल्दी, शहद, भूमि आदि का दान उपयुक्त है।
८. शुक्र ग्रह की शांति के लिये चांदी, दूध, चांवल, सफेद कपडे, सफेद मिठाई, आदि का दान करना चाहिए। शंख, कपूर, श्वेत चंदन और अमेरिकन डायमंड का दान भी उपयुक्त है।
९. शनि ग्रह की शांति हेतु काले वस्त्र, काला छाता, काला कम्बल, काला नमक, उदड की दाल, लोहा, नेत्र रोग की दवाईयां, नीलम, या तुरमुली, काला तिल, चमडा, सरसों का तेल, शराब, आदि का दान उचित माना गया है।
१०. राहु ग्रह की शांति के लिये जौ, गोमेद, उडद, सोने का साप, सात प्रकार के अन्न, नीला वस्त्र, काले फूल, काले तिल, तांबे का बर्तन आदि का दान करना उपयुक्त माना गया है।
११. केतु ग्रह की शांति हेतु उडद, कम्बल, कस्तूरी, लहसुनिया, काले फूल, काले तिल, लोहा, सोना व सात प्रकार के अन्न दान करना उपयुक्त माना गया है।
दान करने के उपरांत दान के बारे में किसी अन्य व्यक्ति से चर्चा करने से दान का महत्व खत्म हो जाता है। अतः जब हम निःस्वार्थ भाव से, शुद्ध मन से, शुद्ध भावना से बिना विचलित हुये एवं विनम्रता से दान करते है तभी पुण्य कमा सकते है।
पंडित कौशल पाण्डेय
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