स्वप्न और उनके फल :-पंडित कौशल पाण्डेय +919968550003

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दुःस्वप्नों के दुष्प्रभाव के शमन का उपाय बताते हुये मत्स्य भगवान मनु महाराज से कहते है :
कलकस्नानं तिलैर्होमो ब्रह्मणानां च पूजनम्‌। स्तुतिश्च वासुदेवस्य तथातस्यैव पूजनम्‌॥
नागेंद्रमोक्ष श्रवणं ज्ञेयं दुःस्वप्नाशनम्‌॥
अर्थात, ऐसे दुःस्वप्न देखने पर कल्क स्नान करना चाहिए, तिल की समिधा से हवन कर के ब्राह्मणों का पूजन, सत्कार करना चाहिए। भगवान वासुदेव की स्तुति (पूजन द्वादश अक्षरमंत्र ÷ त्त् नमो भगवते वासुदेवाय' का जप) करनी चाहिए और गजेंद्र मोक्ष कथा का पाठ, या श्रवण करना चाहिए। इनसे दुःस्वप्नों के दुष्प्रभाव का शमन होता है।
लेकिन हमें सपने आते क्यूँ हैं ?
स्वप्न के आधार पर फलकथन करने में ज्योतिषियों को आसानी होती है। अगर जातक की राहु, केतु या शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, तो उसे हमेशा डरावने और यदि सूर्य, या मंगल की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, तो आग एवं चोट लगने के स्वप्न दिखाई देंगे। चंद्रमा और गुरु की अंतर्दशा में कफ, पेट आदि से संबंधित रोग या राजगद्दी प्राप्त होने के स्वप्न दिखाई देंगे। वहीं अगर शुक्र की उच्च स्थिति हो, तो सुख, ऐशोआराम, धनलक्ष्मी आदि से संबंधित और यदि नीचस्थ हो, तो अनेक बीमारियों के स्वप्न दिखाई देते हैं। स्वप्न का काल व गणना के आधार पर फल सुबह 3 से 6 बजे के बीच के स्वप्नों का प्रभाव 40 दिन के अंदर निश्चित रूप से पड़ता है।
यदि कोई बुरा स्वप्न दिखाई दे, तो नींद खुलते ही गायत्री मंत्र पढ़कर पानी पी लेना चाहिए, उसी समय हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए और फिर नहीं सोना चाहिए। दिन में देखे गए स्वप्न निष्फल होते हैं।
कुछ स्वप्न और उनका प्रभाव:-
यदि स्वप्न में व्यक्ति खुद को पर्वतों पर चढ़ता पाए, तो उसे एक दिन सफलता निश्चित मिलती है।
यदि विद्यार्थी फेल हो जाए, तो उसे सफलता निश्चित मिलती है।
यदि कमल के पत्तों पर खीर खाता देखे, तो राजा के समान सुख प्राप्त होता है।
यदि अतिथि आता दिखाई दे, तो अचानक विपत्ति आ सकती है।
यदि अंधेरा ही अंधेरा दिखाई दे, तो भी कष्ट या मानहानि हो सकती है।
अपने को मृत देखने से आयु में वृद्धि होती है। आत्महत्या करना दीर्घायु का सूचक है।
उल्लू दिखाई दे, तो यह रोग अथवा शोक का सूचक माना जाता है।
आग जलाकर उसे पकड़ना देखने पर अनावश्यक व्यय हो सकता है।
आॅपरेशन होता दिखाई दे, तो यह किसी बीमारी का सूचक है।
इमारत बनती दिखाई दे, तो धनलाभ व तरक्की होती है।
व्यक्ति खुद को कैंची चलाता देखे, तो व्यर्थ के विवाद व लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं।
कौआ बोलता दिखाई दे, तो यह किसी बुरे समाचार का सूचक है।
कबूतर दिखाई दे, तो यह शुभ समाचार का सूचक है।
काला नाग दिखाई दे, तो राजकीय सम्मान प्राप्त होगा।
कोढ़ी दिखाई दे, तो यह रोग का सूचक है। कोयला दिखाई दे, तो झगड़ा होगा।
श्मशान या कब्रिस्तान दिखाई देना प्रतिष्ठा में वृद्धि का सूचक है।
गोबर दिखाई देने पर पशु लाभ हो सकता है। ग्रहण देखना रोग व चिंता का सूचक है।
गोली चलती देखने पर मनोकामना पूर्ण हो सकती है।
गरीबी देखने का अर्थ सुख समृद्धि पाना है।
गर्भपात देखना गंभीर रोग का सूचक है।
शुक्र तारा दिखाई दे, तो विवाह शीघ्र हो सकता है।
व्यक्ति खुद को रोटी बनाता देखे, तो यह रोग का सूचक है।
अपने को नंगा देखना मान और प्रतिष्ठा की हानि और कष्ट का सूचक है।
देव दर्शन या देवस्थान देखना लाभकारी है।
राजदरबार देखना मृत्यु का सूचक है।
दवाइयों का देखना स्वास्थ्य की उत्तमता का सूचक है।
किसी दम्पति का तलाक होते देखना गृह कलह का कारण हो सकता है।
ताजमहल देखने पर पति पत्नी में संबंध विच्छेद हो सकते हैं।
नाई से हजामत बनाते देखने का फल अच्छा नहीं होता।
पति पत्नी का मिलन दाम्पत्य सुख की वृद्धि का सूचक है।
सूखी लकड़ियां देखना मृत्यु का सूचक है।
किसी कैदी या अपराधी को ले जाते देखना शुभ नहीं माना गया है।
भंडारा कराते देखने पर व्यक्ति का जीवन धन-धान्य से पूर्ण रहेगा।
सगाई इत्यादि कार्य होते देखना शुभ नहीं है।
सूखा पेड़ या ठूठ दिखना शुभ?

पंडित कौशल पाण्डेय 
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